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उत्तर प्रदेश में पान, गुटखा व सिगरेट की कालाबाजारी शुरू

एक तरफ जहां वीकेंड लॉकडाउन शुरू होते ही अभी से ही स्टॉक को स्टोर करने मे अधिकतर बड़े दुकानदार लग गए हैं तो वहीं छोटे दुकानदारों ने प्रति पीस रेट में बढोत्तरी भी कर दी है।

Update: 2021-04-18 05:10 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन की खबर सुनते ही गुटखा और सिगरेट (निकोटीनयुक्त सामग्री) व्यापारियों की चांदी हो गई है। एक तरफ जहां वीकेंड लॉकडाउन शुरू होते ही अभी से ही स्टॉक को स्टोर करने मे अधिकतर बड़े दुकानदार लग गए हैं तो वहीं छोटे दुकानदारों ने प्रति पीस रेट में बढोत्तरी भी कर दी है।

जानकारी मांगने पर फुटकर दुकानदारों का साफ कहना है कि सम्पूर्ण लॉकडाउन लगने के चांस हैं और इस दौरान निकोटीन प्रतिबंधित होने के भी कयास लगाये जा रहे हैं, इसीलिए बड़े दुकानदार ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में अभी से माल डम्प कर रहे हैं, काफी जद्दोजहद के बाद देते भी हैं तो हमसे ज्यादा रकम देकर ही सामग्री मिलती है।

फुटकर दुकानदारों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर होलसेलर और बड़े दुकानदार माल डम्प करते हैं तो इसके एवज में अपने इलाके के सम्बंधित जिम्मेदार अधिकारियों को इसके एवज में मोटी रकम भी देते हैं। इस रकम के बदले आने वाले समय में वो मोटी रकम कमाने का सपना देख रहे हैं। भले ही निकोटीन प्रतिबंधित हो या न पर आम आदमी की जेब मे यह भार अभी से पड़ना शुरू हो गया है।

प्रदेश के सभी जनपदों के मार्केट में गुटखे के प्रत्येक पैकेट के दाम 40 से 50 रुपए तक बढ़ा दिए गए हैं। तो वहीं फुटकर में भी 1 से 5 रुपए तक बढोत्तरी देखने को मिल रही है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है। बड़े व्यापारी जनता को आगे से महंगा माल मिलने का हवाला देकर मनमानी रकम ऐठ रहे हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि क्या पिछले साल की तरह इस साल भी इन पर जिम्मेदारों की दया दृष्टि बनी रहेगी या फिर प्रशासन की तरफ से कोई कर्रवाई की जाएगी।

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