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केन्द्र सरकार की गाइडलाइन पर 08 जून से शुरू होंगी गतिविधियां: योगी आदित्यनाथ

- छूट का अध्ययन करते हुए पूरी तैयारी के साथ व्यवस्था लागू लागू करने के निर्देश

Update: 2020-06-04 12:46 GMT

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनलाॅक व्यवस्था के तहत 08 जून से शुरू की जाने वाली गतिविधियों को केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि 08 जून से मिलने वाली छूट के सन्दर्भ में अध्ययन करते हुए पूरी तैयारी के साथ इस व्यवस्था को लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री गुरुवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया कि पुलिस द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जाए। बाजारों आदि में पुलिस द्वारा नियमित फुट पेट्रोलिंग तथा हाई-वे एवं एक्सप्रेस-वे पर पीआरवी 112 के माध्यम से सघन पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाए। सुरक्षित यातायात पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश देते हुए कहा कि कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने पाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एकांतवास केन्द्र (क्वारंटाइन सेन्टर) तथा सामुदायिक रसोई (कम्युनिटी किचन) की व्यवस्था को सुदृढ़ रखा जाए। सामुदायिक रसोई के माध्यम से कामगारों सहित सभी जरूरतमंदों को पर्याप्त एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था जारी रखी जाए। स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए गए कामगारों को राशन किट उपलब्ध कराते हुए घरेलू एकांतवास (होम क्वारंटाइन) के लिए घर भेजा जाए। कामगारों को एक हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता अनिवार्य रूप से उपलब्ध करया जाए।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिया कि वे सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से यह सुनिश्चित कराएं कि इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर संचालित करने वाले कार्मिकों को इन उपकरणों के संचालन तथा इनकी रेंज के आधार पर व्यक्ति को स्वस्थ अथवा अस्वस्थ आकलित करने की पूर्ण जानकारी हो। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में ऐसे कार्मिकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपदों में तैनात स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारियों की कोविड एवं नाॅन कोविड अस्पतालों की निरीक्षण सम्बन्धी रिपोर्टाें की नियमित समीक्षा की जाए। इस फीडबैक के आधार पर सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में उपचार, स्वच्छता तथा सुरक्षा आदि के बेहतर इन्तजाम किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पतालों में डाॅक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ नियमित राउण्ड लें, मरीजों को सुपाच्य तथा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाए तथा साफ-सफाई के उत्तम प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए यह जरूरी है कि सभी लोग पूरी सावधानी बरतें। कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर को प्रत्येक दशा में कम रखने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों सहित पूरी मेडिकल टीम को पूर्ण समर्पण से कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने जनपद गौतमबुद्ध नगर, कानपुर नगर, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ, फिरोजाबाद तथा बुलन्दशहर में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इन जनपदों में चिकित्सा सुविधाओं को और बेहतर किया जाए। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में ज्यादा संख्या में कामगार आए हैं, वहां विशेष पूल टेस्टिंग की व्यवस्था करते हुए सैम्पलों की जांच की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों को संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी प्रोटोकाॅल के अनुरूप संचालित किया जाए। बसों के संचालन में यह सुनिश्चित किया जाए कि इनका नियमित सेनिटाइजेशन हो। बस यात्री मास्क पहनकर यात्रा करें। यात्रियों की इंफ्रारेड थर्मामीटर से स्क्रीनिंग करते हुए उनके लिए सेनिटाइजर की व्यवस्था भी की जाए। बस ड्राइवर तथा कंडक्टर मास्क तथा ग्लव्स अवश्यक इस्तेमाल करें। उन्होंने निर्देश दिए कि बस अड्डों पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यालयों में इंफ्रारेड थर्मामीटर एवं सेनिटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सेंसर वाली सेनिटाइजर मशीन का उपयोग किया जाए, क्योंकि स्प्रे वाली सेनिटाइजर बोतल के कोरोना वायरस के वाहक होने की सम्भावना रहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्यान्न वितरण अभियान को पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में कोई भूखा न रहे।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के निर्देश देते हुए कहा कि पीपीपी मोड पर बनने वाले मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की कार्यवाही को तेज किया जाए। इन परियोजनाओं में निवेश के इच्छुक लोगों से संवाद स्थापित किया जाए। आवश्यकतानुसार नियमों का सरलीकरण भी किया जाए। उन्होंने लघु सिंचाई विभाग, कृषि विभाग सहित विभिन्न विभागों को निर्देशित किया कि वे मनरेगा श्रमिक के तौर पर कामगारों को रोजगार देने की व्यवस्थाओं का अध्ययन करें।

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