Parliament Monsoon Session: “संसद लोकतंत्र का मंदिर है और लोकतंत्र चर्चा से जीवंत होता है” - शिवराज सिंह चौहान…

Update: 2025-07-21 08:40 GMT

मौनसून सत्र के पहले दिन हीं सदन के शुरू होते ही विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के हंगामे की वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करनी पड़ी।

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र की शुरुआत में ही मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट कहा था कि - "यह मानसून सत्र एक विजयोत्सव है। पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति का रूप देखा है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना द्वारा निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त किया गया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों के आकाओं के घरों को 22 मिनट के भीतर जमींदोज कर दिया गया।

मेड इन इंडिया सैन्य शक्ति के इस नए स्वरूप की ओर दुनिया काफी आकर्षित हुई है।” सरकार ने ये भी आश्वस्त किया कि ऑपरेशन सिन्दूर सहित तमाम मुद्दों पर सरकार चर्चा को तैयार है। मगर काँग्रेस सहित तमाम इंडी गठबंधन का हंगामा जारी रहा।

कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियों के इस हंगामे पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने अफ़सोस जताया है और कहा है कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर सहित हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है और विपक्ष लोकतंत्र को शोरतंत्र बना रहा है। आखिर विपक्ष चर्चा से क्यों भाग रहा है? जब सरकार चर्चा के लिए तैयार है। शिवराज सिंह ने सवाल उठाते हुए हुए विपक्ष की आड़े हाथ लिया है और कहा है कि एक तरफ पूरा देश भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम से गौरवान्वित है, और सेना की जय-जयकार कर रहा है वहीं काँग्रेस और बाक़ी इंडी गठबंधन इस जयकार पर अपनी गंदी राजनीति कर रही है।

उन्होंने कहा कि आज भारतीय सेना के शौर्य की अनुगूंज पूरे विश्व में हो रही है। ऐसे में मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष को सरकार के साथ खड़े होकर एक सुर में सेना के शौर्य को प्रणाम करना चाहिए था जिससे पूरी दुनिया में संदेश जाता कि पूरा भारत एक है। लेकिन इसके विपरीत विपक्ष पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है, सेना के पराक्रम पर सवाल खड़े कर रहा है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना का ऐसा शौर्य और साहस दिखता कि पाकिस्तान आज तक अपना रहीम यार खान एयरबेस को ठीक नहीं कर पाया है। प्रत्येक भारतीय को देश की सेना पर गर्व है और हम सभी पूरी मजबूती के साथ अपनी सेना के साथ खड़े हैं। विपक्ष का चर्चा से भागना और पाकिस्तान की भाषा बोलना कहीं ना कहीं अफ़सोसजनक है।


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