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राहुल गांधी को भाया केजरीवाल का नुस्खा

वह भी अपनाएंगे झांसे की नीति

Update: 2018-10-30 06:45 GMT

नई दिल्ली। साख बचाने तथा आमजनता से दूरी कम करने के लिए कांग्रेस को अब तरह-तरह के नुस्खे आजमाने पड़ रहे हैं। पार्टी लोगों को अपने से जोडऩे के लिए मुख्य प्रतिद्वंदी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नुस्खा आजमाने जा रही है। इसमें केजरीवाल के जनता की राय से बनाया जाएगा घोषणा-पत्र को कांग्रेस ने अपनाया है। इसके लिए डिजिटल प्लेटफार्म (वेब साइट) तैयार किया गया है। जिसमें लोगों से सुझाव मांगे जाएंगे। कहा जाता है कि कांग्रेस मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान विधानसभा चुनाव में इसका प्रयोग करेगी, फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में इस प्लेटफार्म का उपयोग व्यापक तरीके से किया जाएगा।

कांग्रेस खुद को खड़ा करने के लिए कई तरह के उपक्रम करने में लगी है। इसके लिए उसे विरोधियों का नुस्खा लेने में भी परहेज नहीं है। सोमवार को कांग्रेस द्वारा जन आवाज के नाम से घोषणा-पत्र वेब साइट लांच की गई है। इस साइट में लोगों से सुझाव लिए जाएंगे। उन सुझावों पर पार्टी अपना घोषणा-पत्र बनाएगी। मजेदार बात ये है कि कांग्रेस को लग रहा है कि इस तरह का हथकंडा अपनाकर जिस तरह से केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को साधा था, उसी तरह से कांग्रेस राज्य और देश की जनता को अपने साथ जोडऩे में सफल होगी। दरअसल, केजरीवाल द्वारा दिल्ली के लोगों के बीच शिगूफा फैलाया गया था कि उनकी पार्टी आम लोगों की राय पर घोषणा-पत्र बनाकर उसे लागू करेगी। दिल्ली में उनका यह नुस्खा चल गया था और बदले में जनता का खासा समर्थन हासिल हुआ। बाद में केजरीवाल ने इसका खूब प्रचार किया कि उनकी सरकार जनता की राय के हिसाब से योजना बनाकर काम कर रही है। हालांकि जनता का क्या सुझाव आया और उस पर कौन सी योजना बनी, इसका खुलासा आज तक नहीं हुआ, परन्तु इस तरकीब से केजरीवाल दिल्ली में अपनी पहुंच बढ़ाने में कामयाब रहे। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को •ाी यह नुस्खा बहुत पसंद आया और उन्होंने इसी नुस्खे पर चलने का फैसला लिया। उसी फैसले पर कांग्रेस द्वारा वेब साइट बनाई गई है। सूत्र बताते हैं कि तीन राज्यों के चुनाव का जो घोषणा-पत्र तैयार होगा, उसमें इस वेब साइट में दिए गए सुझावों को लिया जाएगा। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव के समय इसे व्यापक तरीके से उपयोग किया जाएगा। इसमें खास बात ये है कि वेब साइट में आने वाले सुझाव की देखरेख पार्टी के लोग नहीं करेंगे। इसके लिए विशेषज्ञों तथा विश्लेषकों की टीम तैयार की गई है। क्योंकि कांग्रेस के रणनीतिकार ये मान रहे हैं कि पार्टी के लोग राजनीतिक मुद्दों पर ही ध्यान देंगे जबकि एक्सपर्ट ज्यादा संख्या में आने वाले सुझाव को लेंगे। लिहाजा, कांग्रेस को नए सिरे से मजबूत करने के लिए राहुल गांधी जमीन से आसमान तक मशक्कत करने में जुटे हुए हैं। 

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