स्वदेश वेब डेस्क। मध्य प्रदेश में लंबे इंतजार के बाद विधानसभा चुनाव के नतीजों की जिस तरह घड़ी नजदीक आती जा रही है उसी तरह नेताओं की धड़कनें भी बढ़ती जा रही हैं। रही गुजरी आज विभिन्न चैनलों द्वारा जारी एक्जिट पोलों ने भी पूरी कर नेताओं के पसीने छूट गए। यही कारण है कि प्रदेश में एक्जिट पोलों के अनुसार कांटें की टक्कर दिखाई दे रही है। लेकिन कई बार आंकलन झूठे भी निकले है, जैसा की लोकसभा चुनाव परिणाम के दौरान भी सभी ने देखा था।
एक अनुमान के अनुसार जिस तरह प्रदेश में एक्जिट पोलों ने सरकार बनाने के लिए आकड़े जारी किए उससे ऐसा प्रतीत होता है कि निर्दलीय सरकार बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन अभी से सत्तारुढ़ भाजपा, कांग्रेस सहित बसपा, सपा और अन्य दलों के प्रत्याशियों की धडक़नें बढ़ गई।
पिछले 28 नवंबर को मतदान के बाद यह प्रत्याशी समर्थकों के साथ जहां जीर-हार के गुणाभाग में अपना समय काट रहे थे तो वहीं शुक्रवार को कुछ एक्जिट पोलों ने इनकी भरपाई पूरी कर दी। सभी उम्मीदवार नतीजों से पहले तक चुनावी हार-जीत को लेकर कयासबाजी में अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। उन्हें एक्जिट पोल पर भरोसा नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के साथ ही मतदाताओं को भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। 28 नवंबर को संपन्न हुए मतदान के बाद मतगणना के दिन में काफी अन्तर हो गया है । इसके चलते हर गली-मुहल्ले में विधानसभा चुनावों में किसके हारने और किसके जीतने की चर्चाएं अभी जारी है। वहीं नेता भी अपना इंतजार तीर्थयात्रा तो कोई पिकनिक के रूप में घूमकर बिता रहे हैं। इस बीच कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भी चुनाव को लेकर कयासबाजी का दौर जारी रहा।
प्रदेश में पहली बार मतदान के बाद दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर के बाद नेताओं के साथ ही लोगों को भी पूरी तरह से इस बात का अंदाजा नहीं हो पा रहा है कि आखिरकार ऊंट किस करवट बैठेगा, लेकिन एक्जिट पोलों में तो भाजपा की सरकार बनती दिख रही है। फिर नेताओं का कहना है कि अभी इंतजार करना चाहिए।
विदित हो कि चुनाव आयोग की सख्ती के चलते इस बार चुनाव में धन और बाहुबल के प्रयोग पर सख्ती से रोक के चलते प्रदेश में चुनावी माहौल पहले के चुनावों जैसा नहीं दिखा। यही कारण है कि इस बार आखिर तक कोई भी यह स्पष्ट रूप से कुछ भी कहने से बच रहे हैं, हालांकि, मतगणना के पूर्व एक्जिट पोल प्रदेश में भाजपा की चौथी बार सरकार बनाते दिखाई दे रहे हैं, वहीं कांग्रेस भी हार मानने को तैयार नहीं है। उसने इन एक्जिट पोल को फर्जी बताते हुए हर हाल में सरकार बनाने का दावा किया है, हालांकि, अंतिम परिणाम 11 दिसंबर को ही सामने आएगा, जिसके बाद सभी कयासों पर विराम लग जाएगा और जनता का निर्णय सबके सामने होगा पूरी स्थिति साफ हो जाएगी।