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लड़कियों को बराबरी मौका दिए बगैर देश का विकास संभव नहीं : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

Update: 2018-07-20 12:47 GMT

कोलकाता। आईआईटी खड़गपुर के 64वें दीक्षांत समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में लड़कियों को बराबरी का मौका देने एवं तकनीकी शिक्षा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि लड़कियों को बराबर का मौका दिए बगैर देश के विकास का लक्ष्य पूरा कर पाना संभव नहीं है।

राष्ट्रपति ने कहा कि एक चीज मुझे बहुत अधिक परेशान करती हैं कि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर पर लड़कियां बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करती हैं। कई बार वे लड़कों को काफी पीछे छोड़ देती हैं लेकिन आईआईटी में दाखिले का आंकड़ा देखा जाए तो लड़कियों की संख्या बहुत कम है। उन्होंने आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि 2017 में 1,60,000 छात्रों ने आईआईटी की परीक्षा दी, जिनमें से केवल 30,000 लड़कियां थीं। 10,878 छात्रों ने आईआईटी में एडमिशन लिया, जिनमें लड़कियों की संख्या केवल 995 थी। इस संख्या में सुधार के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा, विज्ञान और तकनीक क्षेत्र में लड़कियों की भागेदारी और स्वीकार्यता बराबरी के स्तर पर होनी चाहिए। इसके लिए आईआईटी से जुड़े लोगों को सक्रियता से काम करना होगा। इस दौरान राष्ट्रपति ने यह भी जानकारी दी कि आईआईटी खड़गपुर ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के साथ एक एमओयू हस्ताक्षर किया है, जिसमें ग्रामीण विकास के लिए डाटा एनालिसिस पर सहमति बनी है। इससे ग्रामीण लोगों के विकास में मदद मिलेगी। राष्ट्रपति ने आईआईटी खड़गपुर की उस पहल की सराहना की, जिसके जरिए राज्य की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए आईआईटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों की मदद ली जाती है।

इस दौरान राष्ट्रपति ने सावित्रीबाई पब्लिक गर्ल्स हॉस्टल और एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल विजिटर्स गेस्ट हाउस की आधारशिला रखी। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी भी मौजूद थे। 

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