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पश्चिम बंगाल : दमदम ब्लास्ट की घटना में आतंकियों की साजिश की बू

Update: 2018-10-03 08:44 GMT

कोलकाता/स्वदेश वेब डेस्क। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटे दमदम नागेरबाजार में मंगलवार सुबह जो भयानक बम ब्लास्ट हुआ था उसके पीछे आतंकियों की साजिश की बू आने लगी है। जांच में जुटी सीआईडी की टीम में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि घटना की जांच के लिए कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की भी मदद ली गई है। पिछले साल नवम्बर में इस इलाके से जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश, अंसारउल्लाह बांग्ला टीम और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों ने दमदम से कमरहटी तक के विस्तृत इलाके को अपना ठिकाना बनाया था एवं यहां आसानी से मिलने वाले विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट, गिल्सरीन, पोटैशियम क्लोरेट और सल्फर के साथ चीनी को मिलाकर विस्फोटक बनाते थे।

पिछले साल इलाके से पकड़े गए थे आतंकी

एसटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा के जिन दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था उनके नाम है शमशाद मियां और रिजाउल इस्लाम। इन लोगों ने पूछताछ में बताया था कि यह आईईडी विस्फोटक बनाने में महारथी थे और उक्त सभी विस्फोटकों को मिला कर किसी भी पाइप या डब्बे में भरते थे और बाहर एक तार को इस तरह सेट करते थे कि तार को खींचते ही अंदर लोहे के दो टुकड़े टकराएंगे। उससे निकलने वाली आग की वजह से यह सारे विस्फोटक रासायनिक क्रिया कर तेज आवाज के साथ विध्वंसक विस्फोट करेगे। मंगलवार को नागेरबाजार में भी जो विस्फोट हुआ है वह उच्च तीव्रता वाला था। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस बंद दुकान के बाहर विस्फोट हुआ वहां कंक्रीट की बनी फुटपाथ का करीब दो फीट का हिस्सा नीचे धंस गया है। इसके अलावा बंद दुकान की शटर का करीब तीन से चार इंच का मोटा लोहा पूरी तरह से मुड़कर धनुष के आकार का हो गया है। आस-पास स्थित दो इमारतों की तीसरी मंजिल की खिड़कियों के कांच टूट गए एवं इमारत के ऊपरी तले पर खाट पर सोया हुआ एक व्यक्ति उछलकर नीचे गिर पड़ा था।

बम में लगा था आईईडी की तरह ट्रिगर

जांच कर रहे सीआईडी अधिकारियों ने बताया है कि यह एक सॉकेट बम था लेकिन यहां से अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम सल्फेट और आईईडी तैयार करने वाले अन्य विस्फोटकों के हिस्से बरामद किए गए हैं। विस्फोट हुए बम के जो टुकड़े मिले हैं उसमें एक बाहर निकले हुए तार का हिस्सा भी शामिल है। इससे ऐसा लग रहा है जैसे इस तार को ट्रिगर के तौर पर सेट किया गया था ताकि जिस बोरे से बम को ढका गया था उसे खींचते ही विस्फोट हो जाए और ऐसा ही हुआ। घटना में एक बच्चे की मौत हो गई जबकि 10 से अधिक लोग घायल हैं। घटनास्थल के पास भूटान का दूतावास भी स्थित है एवं इस इलाके में बांग्लादेश दूतावास के कई वरिष्ठ अधिकारी रहते हैं।

इसके पहले भी आतंकियों ने असम और पूर्वोत्तर के अन्य क्षेत्रों में इसी तरह का विस्फोट किया है जिसमें कम लोगों की मौत हुई है लेकिन अधिक से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस घटना के भी सारे तथ्य इन पुरानी घटनाओं से हूबहू मिल रहे हैं। इसे देखते हुए जांच एजेंसियां इस ब्लास्ट के पीछे भी आतंकियों की साजिश से इनकार नहीं कर रही है।

मंगलवार सुबह नागेरबाजार में भयावह विस्फोट हुआ था। घटना में विभाष घोष नाम के एक 08 साल के बच्चे की मौत हो गई है जबकि उसकी मां सीता घोष समेत 10 से अधिक लोगों का इलाज राजधानी कोलकाता के अलग-अलग अस्पताल में चल रहा है। जिस इमारत में विस्फोट हुआ था उसी में दक्षिण दमदम नगरपालिका के चेयरमैन पांचू गोपाल राय का कार्यालय है।  

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