जयपुर में विदेशी जोड़ों ने हिंदू रीति से की शादी, मांग भरीं-7 फेरे लिए

जयपुर में सामूहिक विवाह समारोह में रूस, ऑस्ट्रेलिया, यूएई और ईरान से आए छह विदेशी जोड़ों ने हिंदू परंपरा से विवाह किया।

Update: 2025-10-26 04:25 GMT

जयपुर में विदेशी जोड़ों ने हिंदू रीति से लिए सात फेरे

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर एक बार फिर अपनी रंगीन संस्कृति और परंपराओं के लिए चर्चा में है। शनिवार को यहां आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह में 30 जोड़ों ने सात फेरे लेकर नया जीवन शुरू किया, जिनमें रूस, ऑस्ट्रेलिया, यूएई और ईरान से आए छह विदेशी जोड़े भी शामिल थे। इन विदेशी जोड़ों ने पूरी तरह हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह किया। पारंपरिक वेशभूषा में सजे दूल्हे और दुल्हनों ने मंडप में अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और मांग भरने की रस्म निभाई।

जयपुर में गूंजी शहनाई, संस्कृत मंत्रों की गूंज

यह समारोह जयपुर के एक सामाजिक संगठन द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य “संस्कृति सेतु” बनाना था यानी विभिन्न देशों के लोगों को भारतीय परंपरा से जोड़ना। मंडप में पंडितों ने संस्कृत मंत्रों के साथ विवाह की हर रस्म पूरी करवाई। विदेशी जोड़े भारतीय परिधान में थे पुरुषों ने शेरवानी और साफा पहना, वहीं महिलाओं ने लाल साड़ी और चुनरी ओढ़ी। जैसे ही मांग भरने और फेरे लेने की रस्म पूरी हुई, समारोह स्थल पर तालियों की गूंज सुनाई दी। दुल्हनों के परिजनों ने भी पारंपरिक रस्मों में हिस्सा लिया।

दुल्हन की मां ने निभाई नाक खींचने की रस्म

इस समारोह की सबसे दिलचस्प झलक तब देखने को मिली जब एक विदेशी दुल्हन की मां ने दूल्हे की नाक खींचने की पारंपरिक रस्म निभाई। राजस्थान और उत्तर भारत में यह रस्म दामाद का स्वागत करने के प्रतीक के रूप में निभाई जाती है। लोगों ने इस दृश्य को मोबाइल में कैद किया, और यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। 


विदेशी जोड़ों ने कहा भारत की संस्कृति अद्भुत है

विवाह में शामिल एक ऑस्ट्रेलियाई जोड़े ने कहा, हमें भारतीय शादी की परंपराएं बहुत सुंदर लगीं। हर रस्म के पीछे गहरी भावना और एकता का संदेश है। एक रूसी दुल्हन ने बताया कि उसने महीनों पहले से फेरे और मंगलसूत्र की रस्म के अर्थ के बारे में पढ़ा था और वही अनुभव उसे जयपुर में वास्तविक रूप में मिला।

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