ऋषि पंडित, अनूपपुर,/जैतहरी। जिला मुख्यालय से कोई 15 किलोमीटर दूर जैतहरी तहसील स्थित मोजर बेयर पावर प्लांट अपने अफसरों की करतूतों से सुर्खियों में है। मामला किसानों और मजदूरों की आवाज उठाने वाले एक ट्रेड यूनियन नेता को कथित 7 लाख की घूस देने का है।
ताकि ट्रेड यूनियन नेता और इलाके के किसान मजदूर पावर प्लांट के खिलाफ आवाज न उठा सकें। मजे की बात ये है कि ट्रेड यूनियन नेता पॉवर प्लांट के अफसरों द्वारा दी गई घूस को लेकर थाने से लेकर स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों तक गुहार लगा चुका है लेकिन न तो रकम जब्त की गई और न ही कोई कार्यवाही की गई।
यह है मामला
कथित घूसखोरी का ये मामला चोरभट्टी गांव में रहने वाले ट्रेड यूनियन नेता जुगल किशोर राठौर से जुड़ा है। जुगलकिशोर पिछले 20 सालों से खेतिहर मजदूर और किसानों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। जैतहरी के मौजवेयर पॉवर प्लांट में काम करने वाले मजदूरों और कर्मचारियों की आवाज भी वे लगातार उठाते आ रहे हैं। 7 मई को प्लांट प्रबंधन और मजदूरों के लिए प्रशासन ने जनसुनवाई आयोजित की थी।
राठौर इस जनसुनवाई में भूमि अधिग्रहण के अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन का मामला उठाने वाले थे। इससे पहले 3 मई को सुबह प्लांट के इंचार्ज आर. के. खटाना एजीएम गौरव पाठक और दिल्ली से आए कोई गुप्ता राठौर के घर पहुंचे। बातचीत हुई। और बातचीत का लब्बोलुआब यही था कि राठौर 7 मई की जनसुनवाई में पावर प्लांट के खिलाफ मुखर न हों।
जाते जाते ये लोग राठौर के घर एक लिफाफा छोड़ गए। राठौर ने पूछा भी कि इसमें क्या है, तो इन लोगों ने कहा कि कुछ नहीं आप देख लीजिएगा। राठौर ने जब लिफाफा खोला तो उसमें 2 लाख की रकम देख कर उनके होश उड़ गए। उन्होंने प्लांट के एजीएम पाठक को फोन लगाकर पैसे वापस ले जाने का अनुरोध किया और यह भी कहा कि आप लोग यह ठीक नहीं कर रहे हो।
राठौर ने इसके लिए थाने को भी फोन पर इत्तिला दी लेकिन थाने वालों ने भी कोई तवज्जो नहीं दी। इसके बाद 5 मई को फिर प्लांट के अधिकारी राठौर के घर आए और इस बार 5 लाख रुपयों से भरा लिफाफा जबरन रख गए। राठौर से उन्होंने कहा कि जन सुनवाई में वे उनका खयाल रखें।
थाने और एसडीएम ने नहीं की सुनवाई
राठौर इस मामले को लेकर थाने पहुंचे लेकिन थाना प्रभारी ने उन्हें यह कहकर टरका दिया कि ये रेवेन्यू का मामला है आप एसडीएम से मिलो। वे एसडीएम ज्योति द्विवेदी से भी मिले लेकिन उन्होंने भी कोई बात नहीं सुनी। स्वदेश ने भी एसडीएम से उनका अभिमत जानने के लिए उनके कार्यालय पहुंचकर बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने व्यस्तता का हवाला देकर बात ही नहीं की।
ग्रामीणों में पावर प्लांट को लेकर विरोध क्यों
दरअसल मोजर वेयर पॉवर प्लांट की नीतियों को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और पढ़े लिखे युवाओं में जबर्दस्त आक्रोश है। प्रभावित लोगों का कहना है कि मोजेर वेयर पॉवर प्लांट में बाहर से आने वाले डिग्री-डिप्लोमा धारक युवाओं को 20,000 से 30,000 हजार प्रतिमाह वेतन दिया जाता है।
जबकि स्थानीय डिग्री/डिप्लोमा किए हुए जिन युवकों को कंपनी ने काम पर रखा है उन्हें मात्र 10,000 से 12,000 रुपये वेतन दिया जा रहा है। यह भेदभाव समाप्त होना चाहिए
इनका कहना है -
“श्री राठौर सीटू से संबद्ध संयुक्त ठेकेदारी यूनियन के नेता हैं। मोजर बेयर पावर प्लांट कंपनी के खिलाफ इनकी जो भी शिकायतें हैं उन्हें लेकर इनके बयान दर्ज किये जा चुके हैं। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य निकल कर सामने आएंगे उनके आधार पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।” - सुमित केरकेट्टा, एसडीओपी, अनूपपुर