MP Politics: कांग्रेस में अकेले पड़ा 'पटवारी' खेमा, अरुण यादव, सिंघार को छोड़ अन्य किसी गुट का साथ नहीं

Update: 2025-06-29 05:44 GMT

कांग्रेस में अकेले पड़ा 'पटवारी' खेमा, अरुण यादव, सिंघार को छोड़ अन्य किसी गुट का साथ नहीं

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ मुंगावली में आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद कांग्रेस के दूसरे खेमों ने दूरी बना ली है। पटवारी पर एफआईआर दर्ज होने का प्रदेश कांग्रेस की ओर से कड़ा विरोध किया गया है लेकिन कांग्रेस के किसी वरिष्ठ नेता का न तो एफआईआर को लेकर कोई बयान सामने आया है और न पटवारी के समर्थन में कोई 'एक्स पोस्ट' किया गया है। अभी तक सिर्फ पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पटवारी पर दर्ज एफआईआर का विरोध किया है।

दरअसल, मप्र कांग्रेस में इन दिनों संगठन सृजन अभियान चल रहा है। इस अभियान में पहले से ही प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी अलग-थलग पड़ते दिख रहे थे, इस बीच उनके खिलाफ प्रकरण भी दर्ज हो गया है।

पटवारी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि दोनों नेता सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय रहते हैं। कमलनाथ पिछले दो दिन से मप्र में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने की सोशल मीडिया पर जोरदार पैरवी कर रहे हैं। शनिवार को उन्होंने अपने 'एक्स पर केंद्रीय कार्यालय में ओबीसी आरक्षण को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को शेयर किया। पटवारी मामले से उन्होंने दूरी बनाए रखी है। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी पटवारी प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने न तो कोई बयान दिया है और न ही सोशल मीडिया पर कुछ लिखा है।

इतना ही नहीं प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी भी पटवारी मामले से खुद को अलग रखा है। चौधरी शनिवार को दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पटवारी के साथ थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को अपने एक्स पर शेयर किया, लेकिन पटवारी पर दर्ज एफआईआर मामले में चुप्पी साधे रहे। कांग्रेस में एक अन्य खेमे में गिने जाने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी इस मामले से खुद को दूर रखा है।

ये नेता पटवारी के समर्थन में उतरे -

यह विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास है। चाहे सरकार कितनी कोशिश कर ले, कांग्रेस का प्रत्येक सिपाही जनता के हितों के लिए निरंतर लड़ता रहेगा। - उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष

भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के विरुद्ध की गई एफआईआर निंदनीय है। कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता जीतू पटवारी के साथ खड़ा है, हम सरकार की इन फर्जी मुकदमों से डरने वाले नहीं हैं। - अरुण यादव, वरिष्ठ कांग्रेस नेता

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और संगठन उपाध्यक्ष सुखदेव पांसे ने प्रकरण को भाजपा की साजिश बताया है। साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसे विपक्ष को कुचलने की साजिश बताया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुंगावली पुलिस ने बिना किसी जांच के जीतू पटवारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। क्या पुलिस ने पीड़ितों के शपथ पत्र की सत्यता की जाँच की? क्या उन्होंने यह पता लगाया कि पीड़ितों ने अपनी शिकायत को अचानक क्यों बदला? नहीं! यह पुलिस की निष्पक्षता और ईमानदारी पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न है। हालांकि एफआईआर में उपनिरीक्षक जोगेन्द्र सिंह यादव शिकायतकर्ता है। सोशल मीडिया से स्वत: संज्ञान लेकर प्रकरण दर्ज किया है।

मामले की निष्पक्ष जांच की मांग

प्रदेश कांग्रेस ने इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है। जिसमें पीड़ितों के दोनों बयानों (10 जून 2025 की शिकायत और 26 जून 2025 के शपथ पत्र) की गहन जांच की जाए। यह पता लगाया जाए कि पीड़ितों पर किस तरह का दबाव डाला गया।

भाजपा ने इस मामले में क्या कहा :

एफआईआर के बाद जीतू पटवारी द्वारा अपने बचाव में बयान के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पटवारी झूठ के सहारे समाज में विद्वेष फैलाना चाहते थे। पटवारी को यह याद रखना चाहिए कि प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा की संवेदनशील सरकार है, जो हर मामले में तत्परतापूर्वक कार्रवाई करती है। फिर चाहे वो किसी निर्दोष के उत्पीड़न का मामला हो, या झूठ फैलाकर मध्यप्रदेश का सामाजिक सौहार्द्र खराब करने का प्रयास हो। भाजपा सरकार में कानून अपना कार्य करता है, उसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं होता है।

जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया के माध्यम से झूठे तथ्यों के आधार पर जिस तरह से समाज के वातावरण को बिगाड़ने का प्रयास किया है, निश्चित रूप से इसके लिए उन्हें बेशर्मीपूर्ण झूठ बोलने का गोल्ड मेडल दिया जाना चाहिए। शर्मा ने कहा कि, विपक्ष का दायित्व होता है कि वह सकारात्मक भूमिका निभाए, जनता की आवाज उठाए लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने की बजाय झूठ फैलाकर समाज का वातावरण खराब करने का प्रयास कर रहे थे।

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