MP News: मध्यप्रदेश पुलिस को दो हजार चयनित आरक्षकों की तलाश, 2023 में हुआ था 6400 युवकों का चयन

Update: 2025-07-13 02:51 GMT

मध्यप्रदेश पुलिस को दो हजार चयनित आरक्षकों की तलाश, 2023 में हुआ था 6400 युवकों का चयन

भोपाल। साल 2023 में पुलिस विभाग में आरक्षक भर्ती के 6400 युवकों का चयन हुआ था। इसमें से करीब 4400 युवक ही आमद देने पहुंचे। बाकी दो हजार आरक्षकों ने बीते दो साल में भी आमद नहीं दी हैं। इनका पुलिस महकमे को इंतजार बना हुआ है।

उल्लेखनीय है कि, हाल ही में, दो साल पहले हुई वर्ष 2023 में पुलिस भर्ती में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। इसमें आधार के अपडेशन में गड़बड़ी कर किसी अन्य प्रतियोगी के जरिए अयोग्य उमीदवारों को नौकरी दिलाने का खुलासा हुआ था। इस घोटाले की जांच और प्रारंभिक दर्ज एफआईआर के बाद लगभग एक दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मामले के सामने आने के बाद इन दो साल में भी 2000 चयनित उमीद‌वारों के नौकरी ज्वाइन न करने सामने न आने वाले सभी पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं।

ईएसबी ने की थी भर्तीः

बता दें कि यह भर्ती कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) ने की थी। भर्ती परीक्षा के तहत सामान्य ड्यूटी के 7090 और तकनीकी पदों पर 321 युवाओं की भर्ती होनी थी। इस परीक्षा में कुल 9 लाख 97 हजार उमीदवारों ने आवेदन किया था। ईएसबी की लिखित परीक्षा में 6.52 लाख से लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद अधिक उम्मीदवार शामिल हुए। शारीरिक परीक्षा के लिए कुल 58 हजार 700 उमीदवारों को बुलाया गया था। दो राउंड के बाद, ओबीसी के लिए 13 प्रतिशत पदों को अलग कर ईएसबी द्वारा 6420 पदों के लिए सफल उमीदवारों की सूची जारी की गई थी। इसके बाद भी करीब 2000 उम्मीदवार नौकरी के लिए आमद ज्वाइन करने ही नहीं आए हैं।

चयनितों से मांगी मोबाइल अपडेशन की रिपोर्ट

बताया जाता है कि पीएचक्यू ने इन आरक्षकों को बुलाने के लिए कई पत्र भी लिखे गए हैं। इसके बाद भी वे सामने नहीं आ रहे हैं। साइबर पुलिस की नजर पुलिस भर्ती में हुए इस गड़बड़ी के आने के बाद 10 जिलों की 31 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। अब ऐसे मामले और सामने आने की संभावना है। दरअसल पुलिस ने आमद देने वालों के हर उमीदवार से आधार सत्यापन और मोबाइल अपडेशन की रिपोर्ट मांगी है। शायद इसकी वजह से सैकड़ों उम्मीदवार आमद नही देर रहे हैं। हो सकता है कि वे सभी संदेह के दायरे में आ गए हैं। परीक्षा में यह धोखाधड़ी डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके की गई थी, इसलिए साइबर पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है।

इनका कहना है...

अभी तक 31 एफआईआर अलग-अलग जिलों में पंजीबद्ध की गई है। विवेचना के आधार पर नए आरोपितों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया जा रहा है। सॉल्वरों की भी गिरफ्तारी की जा रही है। - सोनानी मिश्रा, एडीजी चयन, पीएचक्यू भोपाल।

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