फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट एन जॉन कैम 10 दिन की रिमांड खत्म: कोर्ट ने भेजा जेल, आरोपी के खाते में 19 करोड़, बगदाद, UAE तैवान और केन्या में भी हैँ बैंक अकाउंट...

आरोपी ने माँगा जप्त मोबाइल,पर कोर्ट ने किया मना

Update: 2025-04-18 14:45 GMT

दिनेश चौबे, दमोह- शुक्रवार को फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट एन जॉन कैम की 10 दिन की पुलिस रिमांड पूरी हुई जहां उसे न्यायालय में पेश किया गया। उसकी याचिका पर सुनवाई के न्यायालय ने 1 मई तक के लिए जेल में ही रहने का फरमान सुनाया है। न्यायालय से बाहर निकलते ही सवाल पूछने पर आरोपी डॉक्टर ने बताया कि मुझे दमोह पुलिस और न्यायालय पर पूरा भरोसा है। जल्द ही तथ्य बाहर आ जायेंगे। डिग्री को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि जो बातें चल रही है वह सब गलत हैं।

न्यायालय में पेश होने पर आरोपी डॉक्टर के अधिवक्ता सचिन नायक ने न्यायालय से मांग की थी कि अब पुलिस पूछताछ कर चुकी है और किसी भी तरह के प्रत्यक्ष रूप से उनके क्लाइंट की आवश्यकता पुलिस को नहीं है, इसलिए उन्हें ज्यूडिशल कस्टडी में भेजा जाए। शासन की ओर से मामले की पर भी कर रहे एडीपीओ संजय रावत ने कहा कि न्यायालय ने आरोपी डॉक्टर को 1 मई तक के लिए जेल भेज दिया है।

डिफेंस लॉयर ने मांग की थी कि उनके क्लाइंट की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की जाए और उन्हें मोबाइल चलाने की अनुमति दी जाए, ताकि हम उनसे फीस ले सके। इस पर एडीपीओ ने तर्क दिया कि मोबाइल नहीं दिया जा सकता क्योंकि वह जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है रही बात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की तो उसके लिए जेल मेनू के हिसाब से न्यायालय तय करेगी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होनी है या प्रत्यक्ष रूप से पेशी होगी।

आरोपी के खाते में 19करोड़, बगदाद, UAE तैवान और केन्या में भी हैँ बैंक अकाउंट

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर के खाते में 19 करोड रुपए जमा होने की बात आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार की है। हालांकि इस बात की अभी पूरी तरह पुष्टि नहीं हो पाई है जिसकी पुष्टि के लिए पुलिस खाते की जानकारी जुटा रही है। वहीं इसके विदेशों में बैंक खाते बगदाद यूएई ताइवान और केन्या के नौरोबी में भी खुले हुए हैं पूछताछ में रिमांड के दौरान कई खुलासे हुए हैं वहीं जॉन ने बताया कि वह एक देश भर के डॉक्टरों का संगठन बना रहा था, जिसमें सब की डिटेल इकट्ठा कर रहा था, उसे संगठन का स्वयंभू संस्थापक जॉन के बनना था और देशभर के कार्डियोलॉजिस्टों को उसमे जोड़ने की योजना थी इसके अलावा एमबीबीएस को भी कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में अपनी ही तर्ज पर मार्केट में उतारने का एक बड़ा प्लान था।

यदि यह सफल हो जाता तो जो घटना दमोह में हुई है ऐसी घटनाएं आने वाले समय में देश के हर जिले में सामने आ रही होती और संगठन के नाम पर प्रोटेस्ट कर यह लोग सरकारों पर दबाव बनाकर सफाई से बच निकलते। 

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