भोजशाला विवादः ASI की जब्त मां वाग्देवी का तेल चित्र गर्भगृह में वापस

Update: 2025-12-10 05:50 GMT

धार जिले में स्थित भोजशाला में मां वाग्देवी के तेल चित्र को लेकर उठे विवाद का मंगलवार को अंत हो गया। पिछले सप्ताह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा गर्भगृह से हटाए गए चित्र को आज सुबह पुनः वहीं रखा पाया गया।

हिंदू समाज के सदस्यों ने सत्याग्रह के दौरान पूजन किया, जिसमें हनुमान चालीसा का पाठ और आरती शामिल रही।भोज उत्सव समिति के अध्यक्ष सुरेश जलोदिया ने बताया कि 2 दिसंबर को सत्याग्रह के दौरान एएसआई के सुरक्षा गार्डों ने चित्र को नया बताकर जब्त कर लिया था।

चित्र मिलने से समाज में हर्ष

इस मामले में कलेक्टर और एसपी से चर्चा के बाद गलतफहमी दूर हुई। उन्होंने कहा, "पुराना चित्र खराब हो गया था, इसलिए आगामी बसंत पंचमी को देखते हुए उसी स्वरूप का नया चित्र तैयार किया गया था।" मंगलवार सुबह गर्भगृह में पूजन सामग्री के साथ चित्र मिलने से समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई।

समिति के महामंत्री सुमीत चौधारी ने पृष्ठभूमि साझा करते हुए कहा कि सत्याग्रह की शुरुआत 1992 में भोजशाला के ताले खुलवाने के लिए हुई थी। शुरू में बाहर से पूजन होता था, लेकिन 2003 में प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद प्रति मंगलवार सत्याग्रह जारी है। उन्होंने बताया, "15 साल पुराने चित्र की फ्रेमिंग खराब होने पर नया चित्र लाया गया था, लेकिन एएसआई ने इसे जब्त कर लिया था। मां वाग्देवी की मूर्तियां लंदन और ग्वालियर में हैं, और अब चित्र की वापसी से समाज प्रसन्न है।"

2 दिसंबर के विवाद में एएसआई का तर्क था कि चित्र नया है, जबकि हिंदू समाज ने इसे पुराने स्वरूप का नवीनीकरण बताया। बहस के बाद समाज ने बिना चित्र के पूजन किया और प्रशासन से शाम तक वापसी की मांग की, लेकिन तब चित्र नहीं मिला था।मंगलवार को सत्याग्रह में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, और प्रशासन की टीम, जिसमें डीएसपी आनंद तिवारी सहित पुलिस बल ने सुरक्षा सुनिश्चित की। आरती के बाद प्रसादी वितरित की गई।

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