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भारत ने आज ही दर्ज की थी लॉर्ड्स पर अपनी पहली जीत

Update: 2020-06-10 06:27 GMT

दिल्ली। आज (10 जून) का दिन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बहुत खास है। क्योंकि इसी दिन साल 1986 में भारतीय टीम ने पहली बार क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर पहली जीत हासिल की थी। भारत ने इससे पहले इस मैदान पर 10 टेस्ट मैच खेले थे लेकिन वह जीत से महरूम रहा था।

यह टेस्ट सीरीज का पहला मैच था। इससे पहले दो मैचों की वनडे सीरीज बराबरी पर छूटी थी। भारत ने तीन मैचों की सीरीज का दूसरा मैच जीतकर सीरीज पर कब्जा किया था।

कपिल देव ने टॉस जीता और इंग्लैंड को बल्लेबाजी का न्योता दिया। ग्राहम गूच की सेंचुरी की मदद से इंग्लैंड ने पहली पारी में 294 रन बनाए। गूच ने 114 और डैरेक प्रिंगल ने 63 रन बनाए। भारत की ओर से चेतन शर्मा ने पांच और रोजर बिनी ने तीन विकेट लिए।

महेंद्र अमरनाथ के 69 और दिलीप वेंगसरकर की 126 रनों की पारी की मदद से भारत ने 341 रन बनाकर 47 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की। वह लॉर्ड्स पर लगातार तीन टेस्ट मैचों में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज भी बने। उन्होंने 1979 में 103, 1982 में 157 और 1986 में 126* रनों की पारी खेले थी इंग्लैंड की दूसरी पारी 189 पर आउट हो गई। कपिल ने इस पारी में चार विकेट लिए।

भारत के सामने जीत के लिए 134 रनों का लक्ष्य था। टीम का स्कोर 78 रन पर चार विकेट और फिर 110 रन पर 5 विकेट था। कपिल देव क्रीज पर आए और उन्होंने कप्तानी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए सिर्फ 10 गेंद पर 23 रन ठोंक दिए। उन्होंने फिल एडमंड्स की गेंद पर सिक्स लगाते हुए भारत को जीत दिलाई। भारत ने 136 रन बनाकर पांच विकेट से मैच जीता। कपिल मैन ऑफ द मैच रहे लेकिन असल में वेंगसरकर की सेंचुरी ही थी जिसने भारत को पहली पारी में बढ़त दिलाई।

भारत ने अपना टेस्ट मैच लॉर्ड्स पर ही खेला था। 1932 में खेले गए इस मैच में उसे 158 रनों से हार मिली थी। भारत टीम 1967 तक यहां लगातार 6 टेस्ट मैच हारी। 1971 की सीरीज में पहली बार मैच ड्रॉ रहा। लेकिन 1974 के अगले दौरे पर टीम को फिर हार का सामना करना पड़ा। 1979 में एक बार फिर मैच ड्रॉ रहा, लेकिन 1982 में एक और हार मिली। आखिरकार 1986 में भारत ने लॉर्ड्स पर पहली जीत दर्ज की।

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