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21 दिसंबर को वर्ष का सबसे छोटा दिन 10 घण्टे 34 मिनट का होगा

Update: 2020-12-18 10:31 GMT

स्वदेश वेब डेस्क। 21 दिसंबर सोमवार शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को सबसे छोटा दिन होगा। उस दिन सूर्योदय सुबह 7.08 बजे होगा और सूर्यास्त 5.42 बजे होगा। 21 दिसंबर को दिन का समय 10 घण्टे 34 मिनट व रात 13 घण्टे 26 मिनट की होगी।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि यह एक खगोलीय घटना है जो वर्ष में दो बार एक गर्मियों में और एक सर्दियों में होती है। गर्मियों में सबसे बड़ा दिन 21 जून का होता है। सर्दियों में सूर्य की किरणें कम समय तक पृथ्वी पर पड़ती हंै और गर्मियों में अधिक समय तक पडऩे से दिन व रात के समय मे काफी अंतर होता है। 21 दिसंबर को उत्तरी गोलाद्र्ध में सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हंै, जिससे शीत ऋतु होती है और दिन भी छोटा होता है। इसे शीतकालीन संक्रांति भी कहते हैं।

400 साल बाद शनि व गुरु ग्रह आएंगे पास-पास

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 21 दिसंबर को सौर मंडल में गुरु व शनि ग्रह बिल्कुल नजदीक आ जाएंगे। गुरु ग्रह 6.15.38 अंशो पर व शनि ग्रह 6.15.41अंशो पर 21 दिसंबर सुबह 9.30 बजे होंगे। यह एक दुर्लभ घटना है कि दोनों ग्रह आपस में छूते हुए दिखाई देंगे।

दिन छोटे बड़े होने का क्या कारण हैं

पृथ्वी अपने अक्षांश पर साढ़े 23 डिग्री झुकी हुई है और इसी अवस्था में सूर्य की परिक्रमा करती है। सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी के उत्तरी गोलाद्र्ध तथा दक्षिणी गोलाद्र्ध इसके सामने आते हैं। इस कारण दिन और रात का समय घटता और बढ़ता है। सूर्य की किरणें पृथ्वी पर कम समय तक रह पाती हैं, लेकिन जब उत्तरी गोलाद्र्ध सूर्य की ओर पूरी तरह से झुका रहता है। ये करीब 23.44 अक्षांश पर होता है जिसके कारण उस समय सूर्य की किरणें ज्यादा देर तक पृथ्वी पर पड़ती है और दिन लंबा होता है। यह खगोलीय घटना भारत में हर साल 21 जून को होती है। इसलिए भारत में 21 जून को साल का सबसे बढ़ा दिन और साल की सबसे छोटी रात होती है। 21 मार्च और 23 सितंबर को दिन और रात बराबर होते हैं और 21 से 23 दिसम्बर को दिन छोटा और रात बड़ी होती है। इस दिन को विंटर सॉल्स्टिस भी कहा जाता है।

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