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स्कूलों को गरीब बच्चों को देने होंगे गैजेट और इंटरनेट, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया आदेश

Update: 2020-09-18 11:36 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना संकट के दौरान गरीब बच्चों को ऑनलाइन क्लास लेने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए आज एक बड़ा और बेहद अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने सरकारी वित्तपोषण रहित सभी निजी और सरकारी स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं के लिए गरीब बच्चों को गैजेट्स और इंटरनेट कनेक्शन देने का आदेश दिया है।

जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिए अपने आदेश में सरकारी वित्तपोषण रहित निजी स्कूलों और सरकारी स्कूलों जैसे केंद्रीय विद्यालय को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और वंचित वर्ग (EWS/DG) के छात्रों को अच्छी इंटरनेट स्पीड के साथ-साथ गैजेट देने को कहा है ताकि इन्हें भी ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त हो सके।

इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे गैजेट और डिजिटल उपकरण के साथ-साथ इंटरनेट पैकेज की लागत भी ट्यूशन फीस का हिस्सा नहीं होगी और ये उपरकण ईडब्ल्यूएस और वंचित वर्ग के छात्रों को निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों और सरकारी स्कूलों द्वारा मुफ्त प्रदान किए जाने चाहिए।

वहीं हाईकोर्ट ने ईडब्ल्यूएस और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए गैजेट्स और उपकरणों की आपूर्ति की प्रक्रिया में तेजी लाने और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र, दिल्ली सरकार और स्कूल एसोसिएशन की कमेटी के एक-एक सदस्य वाली तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने का भी निर्देश दिया है जो इस नजर रखेगी।

हाईकोर्ट ने यह फैसला एक गैर सरकारी संगठन (NGO) 'जस्टिस फॉर ऑल' की जनहित याचिका पर सुनाया है। एनजीओ ने वकील खगेश झा के जरिये दाखिल जनहित याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को गरीब बच्चों को मोबाइल फोन, लैपटॉप या टैबलेट मुहैया कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया था, ताकि वे भी कोविड-19 लॉकडॉउन की वजह से चल रही ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ ले सकें।

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