निमाड़ में 17 साल बाद मिलेगी रेलवे की सौगात: मार्च 2026 तक चल सकती है ट्रेन, टनल कार्य तेज
इंदौर से दाहोद के बीच नई ब्रॉडगेज रेल लाइन परियोजना के बीच मार्च 2026 तक ट्रेन चल सकती है। टीही टलन का काम फरवरी 2026 तक पूरा हो सकता है।
इंदौर: आदिवासी बहुल धार जिले में पहली बार रेल सेवा शुरू होने का सपना अब साकार होने के करीब है। इंदौर–दाहोद ब्रॉडगेज रेललाइन परियोजना (204.76 किमी) का भूमिपूजन भले ही वर्ष 2008 में कर दिया गया था, लेकिन 17 वर्षों का लंबा इंतजार अब खत्म होने की ओर है। रेलवे का दावा है कि इंदौर से धार के बीच मार्च 2026 तक ट्रेन चलाई जाएगी। हालांकि जमीनी प्रगति देखकर विशेषज्ञों का मानना है कि परियोजना को पूर्ण रूप से चालू होने में लगभग छह महीने और लग सकते हैं।
फरवरी 2026 तक टनल निर्माण पूरा करने की तैयारी
रेलवे कंस्ट्रक्शन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टनल कार्य फरवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके लिए हर दिन के काम के लिए टाइमलाइन तय की गई है। टनल सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा रहा है और इसी के कारण परियोजना वर्षों तक पीछे खिसकती रही।
इंदौर–वडोदरा के बीच सीधी कनेक्टिविटी
यह परियोजना इंदौर और वडोदरा के बीच सीधा रेल संपर्क स्थापित करेगी, जिससे यात्रा समय में खासा कमी आएगी। अभी वडोदरा का सफर रतलाम होकर करना पड़ता है। परियोजना की अनुमानित लागत अब बढ़कर 1873 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है।
इंदौर से टीही तक लाइन चालू
इंदौर से टीही (21 किमी) और दाहोद से कटवाड़ा (11.30 किमी) तक का कुल 32.30 किमी हिस्सा पहले ही चालू हो चुका है। टीही–धार खंड में ट्रैक लिंकिंग और मोबिल फ्लैश वेल्डिंग तेजी से चल रही है। इस हिस्से का सीआरएस निरीक्षण फरवरी 2026 के लिए प्रस्तावित है।
2.95 किमी टनल में तेजी से काम
टीही टनल के 2.95 किमी लंबी हिस्से में से 1.87 किमी भाग का निर्माण पूरा कर लिया गया है। अंदर दीवारों की फिनिशिंग का कार्य जारी है। इसके साथ ही पानी निकलने की व्यवस्था के लिए 150 और 400 एमएम की लोहे की पाइपलाइन बिछाई जा रही है। पूरी टनल में हर 50 मीटर पर बनाए गए 30 मेन होल पानी निकासी को सुनिश्चित करेंगे।
एयर प्रेशर से क्लीन होंगे पाइप
यदि पाइप लाइन पानी के साथ आए कचरे चोक होती है, तो प्रेशर मशीन से हवा के दबाव देकर पाइप साफ किए जाएंगे। इसके बाद टनल के भीतर रेलवे बैलास्ट-लेस ट्रैक बिछाने का काम करेंगे। रेलवे पीआरओ खेमराज मीणा ने बताया कि टनल कार्य अंतिम चरण में है और मार्च 2026 तक धार तक ट्रेन चलाने का लक्ष्य है।
इंदौर–दाहोद रेललाइन परियोजना के मुख्य बिंदु
बता दें कि इंदौर-दाहोद रेललाइन प्रोजेक्ट का काम साल 2008 में स्वीकृत हुआ था। जबकि इसकी शुरूआत साल 2013 में की गई थी। यह रेलवे लाइन 204.76 किमी लंबी है। इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत 1873 करोड़ रुपए हैं।
यह रेललाइन बेहद महत्वपूर्ण क्यों है
इस रेल लाइन पर संचालन शुरू होने से इंदौर–मुंबई की दूरी 55 किमी घटेगी। इसके चलते यात्रियों की यात्रा तेज और सुविधाजनक होगी। इसके अलावा इंदौर सीधे गुजरात और महाराष्ट्र से जुड़ेगा। इस रेलवे लाइन के चलते यात्रियों के साथ उद्योगों को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
उद्योगों का होगा विस्तार
पीथमपुर और आसपास के औद्योगिक क्षेत्र को माल ढुलाई सस्ती और तेज होने का फायदा मिलेगा। मुंबई और अन्य बंदरगाहों तक सीधी रेल पहुंच बनेगी। इसके अलावा धार और झाबुआ जैसे पिछड़े और आदिवासी जिलों को पहली बार रेल सुविधा मिलने जा रही है। इससे रोजगार, आवागमन और सामाजिक–आर्थिक विकास को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।