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उत्तर भारत में बर्फ़बारी का दिखेगा असर, बढ़ेगी ठंड, चलेगी शीत लहर

Update: 2020-12-17 13:17 GMT

ग्वालियर। प्रदेश में पिछले छह दिन से ठंड बढ़ती जा रही है। मौसम में ठंडक का असर है और सर्द हवाएं चल रही है। मौसम विभाग का कहना है कि अब सीजन में पहली बार ठंड के तेवर काफी तीखे होने के आसार हैं। वर्तमान में अरब सागर, मध्यप्रदेश और राजस्थान पर बने सिस्टम भी बुधवार से कमजोर पड़ गए हैं। हवा का रुख भी उत्तरी होने लगा है। इससे शुक्रवार से प्रदेश के कई स्थानों पर शीतलहर चलने की प्रबल संभावना बन गई है। इस दौरान कहीं-कहीं पाला पडऩे की भी आशंका है।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में अरब सागर पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। मध्य प्रदेश के मध्य में भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त राजस्थान और उससे लगे गुजरात पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इन तीन सिस्टम के कारण आ रही नमी से अभी भी प्रदेश के पूर्वी इलाकों में बारिश हो रही है। हालांकि मंगलवार को हवा का रुख उत्तरी और उत्तर-पूर्वी हो जाने के कारण प्रदेश में तेजी से सिहरन बढ़ गई है और न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज होने लगी है। बुधवार को राजस्थान और मध्यप्रदेश पर बने सिस्टम कमजोर होने की संभावना है। इससे वातावरण में नमी कम होने लगेगी। इससे धूप निकलने के बाद मौसम साफ होने लगेगा। दिन का तापमान तो बढऩे लगेगा, लेकिन आसपान साफ होते ही रात के तापमान में तेजी से गिरावट होने लगेगी।

उत्तर भारत में बर्फबारी का असर

पिछले कुछ दिनों में जम्मू-काश्मीर सहित पूरे उत्तर भारत के पहाड़ों में जबरदस्त बर्फबारी हुई है। हालांकि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और उत्तर भारत के बीच सक्रिय है। इसके भी बुधवार को आगे बढ़ जाने की संभावना है। इसके बाद हवा का रुख पूरी तरह उत्तरी होने के आसार हैं। इससे शुक्रवार से राजधानी सहित पूरे प्रदेश में न्यूनतम तापमान में छह डिग्री तक की गिरावट होने की संभावना है। इस दौरान कई स्थानों के शीतलहर की चपेट में भी आने की संभावना है। ठंड के तीखे तेवर एक सप्ताह तक बरकरार रहने के आसार हैं।

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