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फरार बदमाश भीमा यादव के दो मददगार पुलिस गिरफ्त में

दैनिक जरूरत का सामन पहुंचाने आये थे, भीमा का अभी तक कोई सुराग नहीं , 7 दिसंबर को पुलिस पार्टी की आँख में मिर्ची झोंककर साथी छुड़ाकर ले गए थे

Update: 2018-12-21 13:17 GMT

ग्वालियर। बीती सात दिसंबर को महाराजपुरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मणगढ़ पुलिया के पास भिंड पेशी से लौटकर भोपाल जा रहे पुलिसकर्मियों की आँख में मिर्ची झोंककर साथियों द्वारा छुड़ाए गए हत्या के आरोपी भीमा यादव का पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है, हालाँकि शुक्रवार को पुलिस ने भीमा के दो मददगारों को पकड़ने में सफलता हासिल की है।

घटना के बाद से ही महाराजपुरा थाना पुलिस भीमा यादव की तलाश में जुटी है लेकिन उसे अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। हालाँकि उसने घटना में प्रयोग हुए दो चार पहिया वाहन जरूर जब्त किये हैं लेकिन ना तो उसे अबतक भीमा का कोई इनपुट मिला है और ना ही लूटी गई पुलिस की इंसास राइफल्स का। लगातार भीमा यादव फरारी मामले की जांच कर महाराजपुरा थाने के टीआई यदुवीर सिंह तोमर को मुखबिर से सूचना मिली कि भीमा उर्फ जितेंद्र यादव और उसके साथियों को जरुरत का सामान, कपड़े और खाने पीने की वस्तुएं पहुँचाने वाले दो व्यक्ति खेरिया मिर्धा गाँव में बंद पड़े भड़ाना क्रेशर के पास फूटे कमरों के आसपास देखे गए हैं। जानकारी मिलते ही पुलिस तत्काल सक्रिय हुई और पुलिस बल के साथ दोनों व्यक्तियों की घेराबंदी कर दी। पुलिस को देखकर दोनों ने भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। पकड़े गए व्यक्तियों ने अपने नाम गजराज सिंह यादव निवासी इटावा उत्तरप्रदेश और रामू उर्फ रामवीर सिंह यादव निवासी धौलपुर राजस्थान बताये। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो ये सामान भीमा और उसके साथियों को देने वाले थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ तेज कर दी है।

उल्लेखनीय है कि होमगार्ड सैनिक की हत्या के मामले में भोपाल से भिंड पेशी पर आये बदमाश भीमा यादव को उसके भाई फौजी ने 7 दिसंबर को महाराजपुरा थाना क्षेत्र में लक्ष्मणगढ़ की पुलिया के पास से साथियों के साथ फिल्मीं अंदाज में पुलिस कस्टडी से छुड़ा लिया और आसानी से भाग गए। बदमाशों ने प्रधान आरक्षक मायाराम, आरक्षक हाकिम खान,आरक्षक विवेक शर्मा की आँख में मिर्ची झोंकी और उनकी दो इंसास रायफल लूटी और फरार हो गए। जबकि मौके से एक अन्य आरक्षक प्रमोद यादव भाग गया जो अगले दिन वापस आ गया और उसने बताया कि वो डर कर भाग गया था और भोपाल पहुंचकर जब साथियों से बात की तब ग्वालियर वापस आ गया। पुलिस ने जब प्रमोद से और पूछताछ की तो उसने अपने अपहरण की भी कहानी सुनाई कि बदमाश उसे अपने साथ गाड़ी में ले गए और रास्ते में गन पॉइंट पर लेकर भगा दिया और वो अपने साथियों के पास पहुंच गया। हालाँकि पुलिस को प्रमोद की कहानी पर शंका है। एसपी ग्वालियर नवनीत भसीन ने बदमाशों के ऊपर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।  

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