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मरीजों को नहीं मिली राहत, चुकाना पड़ेगा 50 रूपए ओपीडी शुल्क

Update: 2020-01-03 23:45 GMT

सम्भाग आयुक्त ने सुपर स्पेशलिटी का निरीक्षण, दिए निर्देश

ग्वालियर, न.सं.। सुपर स्पेशलिटी के ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों से 50 रूपए पंजीयन शुल्क लेने को लेकर विधायक प्रवीण पाठक व मुन्नालाल गोयल लगातार अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। उसके बाद भी ओपीडी में सीधे आने वाले मरीजों को अभी भी पहले की तरह 50 रुपए शुल्क ही देना होगा, जबकि दूसरे शासकीय अस्पताल से रेफर होकर आने वाले मरीजों को संभागायुक्त एमबी ओझा ने हल्की सी राहत प्रदान की है। शुक्रवार को सम्भाग आयुक्त की अध्यक्षता में सुपरस्पेशिलिटी में प्रबंधन के साथ हुई मीटिंग में सम्भाग आयुक्त एम.बी. ओझा ने कहा कि सुपर स्पेशिलिटी में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए ओपीडी शुल्क 50 रूपए निर्धारित किया गया है। अन्य अस्पतालों से रेफर होकर आने वाले मरीजों के लिए यह शुल्क 30 रूपए किया जाए।

इसके साथ ही गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों और आयुष्मान योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों के लिए यह नि:शुल्क रखा जाए। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में सीधे आने वाले मरीजों के लिए ओपीडी शुल्क 50 रूपए की रखा जाए। इसके साथ ही सुपरस्पेशिटी हॉस्पिटल में एक्सरे के मरीजों को डिजीटल एक्सरे के लिए 100 रुपए देने होंगे, इसके साथ ही एमआरआई की जांच के मरीजों को 1250 रुपए से लेकर 6 हजार रुपए तक देने पड़ेंगे। हालांकि एमआरआई की मशीन इंस्ट्रॉल होने के बाद भी टेक्निशियन नहीं मिलने की वजह से यहां पर जांचे नहीं हो पा रही हैं।

फिर दिया एक माह का समय

सम्भाग आयुक्त श्री ओझा ने बैठक से पूर्व अस्पताल का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने इसके सिविल वर्क का काम देखने वाली कंपनी एचएससीसी को काम पूरा करने के लिए 1 महीने की समय सीमा दी है। वहीं दूसरी प्रमुख एजेंसी हाइट्स का कोई प्रतिनिध मौजूद नहीं होने के कारण फोन पर चर्चा कर जल्द काम पूरा करने की हिदायत दी। इसके साथ ही उन्होंने बैठक में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल की सुरक्षा के लिए 30 सुरक्षा गार्ड को रखने की सहमति भी प्रदान की। इसके साथ ही पार्किंग व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिए। बैठक में सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के पीछे की साईट निमार्णाधीन नाले का कार्य स्मार्ट सिटी के माध्यम से किया जाना है। इसके लिए सीईओ स्मार्ट सिटी को कार्य तत्परता से कराने के निर्देश जारी करने को कहा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व कम्पनी ने 2019 दिसम्बर माह के अंत तक काम पूरा करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया है।

यह भी दिए निर्देश

* मावध डिस्पेंसरी में एक्सरे का शुल्क 20 रूपए रखा जाए।

* सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में निर्मित की जाने वाली दुकानों का मुख सडक़ की तरफ रखे जाने का निर्णय लिया गया। 

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