SwadeshSwadesh

रंजिश पर लगाई गई याचिका पर न्यायालय ने लगाया 50 हजार का जुर्माना

Update: 2018-10-24 05:28 GMT

ग्वालियर। शिवपुरी जिले के कपराना गांव में एक निजी जमीन को सरकारी घोषित करने संबंधी जनहित याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई । उच्च न्यायालय ने माना कि उक्त याचिका जनहित की ना होकर व्यक्तिगत विद्वेष के लिए लगाई गई थी ।इसमें न्यायालय का समय भी बर्बाद किया गया है। इसलिए याचिकाकर्ता महेश शिवहरे की याचिका खारिज करते हुए उसके खिलाफ 50 हजार का हर्जाना लगाया है। दरअसल कपराना गांव में देउआ देवलाल की 3 सर्वे वाले नंबरों पर सड़क से लगी हुई करीब 70 बीघा जमीन थी। उसकी शादी काशीबाई नामक महिला से हुई थी। बाद में देवलाल की मौत हो गई और जमीन काशीबाई के नाम हो गई।काशीबाई ने दूसरी शादी कर ली। जिससे उसे तीन संताने हुई, लेकिन एक संतान यानी सोनोबाई खुद को अकेली वारिस बताकर उक्त जमीन अपने नाम कराना चाह रही थी। लेकिन तहसीलदार ने विवाद के चलते उक्त जमीन को सरकारी घोषित कर दिया। जिसके खिलाफ तीनों संतानों ने एसडीएम के यहां अपील की ।अपील में एसडीएम ने जमीन को निजी माना। जिसके खिलाफ महेश शिवहरे ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर दी और तहसीलदार के पूर्व के आदेश को बरकरार रखने की मांग की । लेकिन इस बारे में वो कोई तथ्य पेश नहीं कर सका। उच्च न्यायालय में बताया गया कि याचिका व्यक्तिगत रंजिश निकालने के लिए लगाई गई है। जांच में यह तथ्य सही पाया गया और याचिकाकर्ता पर कॉस्ट लगाई गई ।

Similar News