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रावत लगे कद बढ़ाने में, ग्वालियर से इस्तीफा देने वाले 90 नेताओं की सूची कमलनाथ को भेजी

Update: 2020-03-24 01:00 GMT

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता पलट होने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के शासन की वापसी हो चुकी है। ऐसा पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ जाने के कारण हुआ है। क्योंकि उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ले ली है। श्री सिंधिया के हटने पर कांग्रेस में अब प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत अपना कद बढ़ाने में लगे हुए हैं। सोमवार की दोपहर वह कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा से उन नेताओं की जानकारी ली,जिन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। ऐसे नेताओं की संख्या 90 है। इनकी सूची श्री रावत ने तत्काल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को भेज दी।

यहां बता दें कि जिला कांग्रेस द्वारा कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की सूची पहले ही अखिल भारतीय कांग्रेस एवं पीसीसी को भेजी जा चुकी है। किंतु ग्वालियर चंबल अंचल में अपना दबदबा बढ़ाने की दृष्टि से श्री रावत ने यह सूची हाईकमान को भेजी है, ताकि यह लगे कि अब इस क्षेत्र में उनसे बड़ा नेता नहीं है।

इस दौरान मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहले कै. माधवराव सिंधिया के साथ कांग्रेस में थे। किंतु सिंधिया ने अपनी विचारधारा बदल ली, हमने नहीं बदली। इसलिए रिक्त स्थान कभी खाली नहीं रहता। उन्होंने कहा कि जिन विधायकों ने कांग्रेस में रहते जनता से मत लिए थे, अब वह जब जनता के बीच जाएंगे, तब जनता खुद उनसे सवाल करेगी कि हमारा मत क्यों बेच दिया। इसलिए इस्तीफा देने वाला एक भी पूर्व विधायक पुनः नहीं जीत पाएगा। हम पूरी ताकत के साथ यह उपचुनाव लड़ेंगे, क्योंकि इन लोगों ने जनादेश का अपमान किया है।

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