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बिना तैयारी शुरू कराई योजना, अब हो रहे परेशान

मामला आयुष्मान भारत योजना का, स्टॉफ को भी नहीं जानकारी

Update: 2018-09-27 07:22 GMT

ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। गरीब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए 23 सितंबर को शुरू हुई आयुष्मान भारत योजना की आधी-अधूरी तैयारी चिकित्सकों व स्टॉफ के लिए परेशानी का सबब बन गई है। अस्पताल में न तो चिकित्सकों को इस योजना के नियमों का पता है और न ही स्टॉफ को, जिस कारण इस योजना में लोगों के पंजीयन भी नहीं हो पा रहे हैं।

दरअसल आयुष्मान योजना के तहत् उपचार के लिए पहुंच रहे मरीजों का पूरा डाटा ऑनलाइन करना पड़ता है, लेकिन जटिल प्रक्रिया के कारण चिकित्सकों और मरीज दोनों को परेशानी हो रही है। अस्पताल के चिकित्सकों को अभी तक यह भी नहीं पता कि अगर घुटने व कूल्हे के ऑपरेशन के लिए कोई मरीज भर्ती होता है, तो उसके ऑपरेशन में खर्च होने वाली राशि कहां से मिलेगी। इसी तरह जिला अस्पताल के पास गरीबी रेखा कार्ड वाले वर्ष 2011 की जनसंख्या की सूची है, जिस कारण 2011 के बाद गरीबी रेखा में शामिल मरीजों का डाटा ही नहीं मिल रहा है, जिस कारण अस्पताल में पहुंचे करीब 50 से अधिक मरीजों का इस योजना में पंजीयन भी नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं इस योजना के तहत् अभी तक खर्च हुए बजट की जानकारी भी स्टॉफ उपलब्ध नहीं करा पा रहा है, क्योंकि स्टॉफ को खुद ही नहीं पता कि इसका कौन सा बजट है। जबकि शासन द्वारा योजना के तहत खर्च हुए बजट की जानकारी मांगी गई है। वहीं इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि योजना का क्रियान्वयन करने के लिए जिस स्टॉफ को लगाया गया है, उन स्टॉफकर्मियों को न तो प्रशिक्षण दिलाया गया है और न ही उन्हें कोई जानकारी दी गई है।

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