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इंजीनियरों के आगे बनती रही अवैध इमारत

Update: 2019-03-19 18:32 GMT

कार्रवाई के लिए भोपाल से आए पत्र और जांच रिपोर्ट डाली ठंडे बस्ते में

ग्वालियर/विशेष प्रतिनिधि। सिटी सेंटर जैसे पाश क्षेत्र में लगभग दो हजार वर्गफीट भूखंड पर एक इमारत का निर्माण अवैध रूप से कर लिया गया है। इस भूखंड को लेकर चल रहे स्थगन आदेश के बावजूद अवैध निर्माण होने पर दूसरे पक्ष ने इसकी शिकायत नगर निगम अधिकारियों से की, किंतु निगम के इंजीनियर किसी तरह की कार्रवाई को तैयार नहीं हुए, उल्टे मौके पर स्वयं खड़े होकर इस निर्माण को कराते रहे। इसकी शिकायत उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद भोपाल से नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों द्वारा बार-बार पत्र लिखकर संबंधित इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की बात की जा रही है। किंतु उन पत्रों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इतना ही नहीं महापौर के कहने पर उपायुक्त द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में भी निर्माण को अवैध और इंजीनियरों को दोषी बताया गया, किंतु उसपर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।


जानकारी के मुताबिक पटेल नगर आदित्य वर्ल्ड स्कूल के सामने सिटी सेंटर में सर्वे क्रमांक 697/ 2 मिन -1 भूखंड क्रमांक 927 पर सुरेंद्र सिंह पुत्र स्व. गणेश राम सिंह द्वारा 14 अक्टूबर 2017 को तलघर के लिए खुदाई शुरू की गई। जबकि इस भूखंड पर 1 अक्टूबर 2016 से चतुर्थ अपर जिला न्यायाधीश द्वारा स्थगन आदेश दिया गया है।इसमें पक्षकार सतीश चंद पांडे एवं कमल किशोर शिवहरे हैं। जबकि दूसरे पक्षकारों में रमेश यादव, इंदर सिंह,अतर सिंह, दामोदर सिंह, शकुंतला बाई एवं सुरेंद्र सिंह के नाम हैं। इस मामले में कमल किशोर शिवहरे की ओर से शिकायत तत्कालीन भवन अधिकारी सुरेश अहिरवार और क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्राधिकारी राजीव सोनी के पास पहुंची तो उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।जिसपर सीएम हेल्पलाइन क्र.5996650 सहित मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन, संभागीय आयुक्त, जिलाधीश, महापौर, निगम आयुक्त एवं सिटी प्लानर को शिकायत कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया। लोक मंत्रणा में 3 एवं 17 जनवरी 2019 को आए आवेदनों पर महापौर के निर्देश पर उपायुक्त एपीएस भदौरिया ने भवन अधिकारी प्रदीप जादौन के साथ मिलकर मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। उनके द्वारा 29 जनवरी 2019 को अपनी जांच रिपोर्ट में इस निर्माण को अवैध बताते हुए कार्यवाही की बात कही।साथ ही यह भी कहा गया कि जिन इंजीनियरों द्वारा यह कार्य कराया गया है उनके खिलाफ वह कार्रवाई के पात्र नहीं है। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस निर्माण के लिए 31 मार्च 2017 को भवन अनुज्ञा जारी की गई, किंतु इस गलत भवन अनुज्ञा को 6 जून 2018 को खारिज कर दिया गया। कायदे से इसके बाद भवन का निर्माण नहीं होना चाहिए, किंतु यह निर्माण लगातार जारी रहा। इसबीच भोपाल तक पहुंची शिकायतों पर मुख्य सचिव द्वारा नगरीय आवास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए कहा गया। इतना ही नहीं नगरीय प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त विकास मिश्रा द्वारा 4 एवं 24 जनवरी2019 को निगमायुक्त ग्वालियर को पत्र भेजकर संबंधित इंजीनियरों सुरेश अहिरवार एवं राजीव सोनी के खिलाफ कार्रवाई और अवैध निर्माण को लेकर जांच रिपोर्ट मंगाई गई। इसके बाद 14 मार्च 2019 को संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास आरके कार्तिकेय द्वारा उक्त कार्रवाई के लिए तीन दिन का समय दिया गया। किंतु इतने पत्र और कार्रवाई के लिए कहे जाने के बाद भी निगम के वरिष्ठ अधिकारी इस पूरे मामले में चुप्पी साधे बैठे हुए हैं, जिससे अवैध निर्माणकर्ता के हौसले बुलंद हैं। जबकि सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत के बाद 29 मई 2018 को तत्कालीन निगमायुक्त विनोद शर्मा ने भी इस निर्माण को अवैध बताया था, किंतु कार्रवाई उन्होंने भी कुछ नहीं की। इसके अलावा सिटी प्लानर ज्ञानेंद्र जादौन पर शिकायत पहुंची तो वे भी उसे दबाकर बैठ गए। इस तरह मौके पर तीन मंजिला अवैध इमारत खड़ी हुई है। जिसमें कुछ दुकानों का निर्माण कर उसमें शटर भी लगा लिए गए हैं।

इनका कहना है

मैं अभी शहर के बाहर हूं,इसलिए इस मामले में कोई बात नहीं कर पाऊंगा।

-ज्ञानेंद्र सिंह जादौन, सिटी प्लानर

सिटी सेंटर में इस निर्माण के शुरू होने के बाद हमने भवन अनुज्ञा निरस्त कर दी थी। इसके बाद इमारत खड़ी हुई होगी। वैसे भी न्यायालय का स्थगन है तो हम निर्माण थोड़े ही तोड़ेगे। यह काम पुलिस का है।

-सुरेश अहिरवार, तत्कालीन भवन अधिकारी

महापौर के निर्देश पर हमने जांचकर रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। जिसमें अवैध निर्माण और अधिकारियों को दोषी माना था। किंतु कार्यवाही क्यों नहीं हुई,यह बात तो बड़े अधिकारी ही बता पाएंगे।

-एपीएस भदौरिया, उपायुक्त

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