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रोल नम्बर जनरेट न होने से परेशान हुए परीक्षार्थी

Update: 2019-03-15 18:28 GMT

जीवाजी विवि में स्नातक प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा शुरू, करीब एक लाख परीक्षार्थी हो रहे शामिल

ग्वालियर/न.सं.। जीवाजी विश्वविद्यालय की स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष (स्वाध्यायी-नियमित) परीक्षाएं शुक्रवार से शुरू हो गई हैं। परीक्षा से एक दिन पहले तक फार्म भरने के कारण रोलन नम्बर जनरेट नहीं हुए। इस कारण छात्रों को परीक्षा के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा। दो पालियों में होने वाली इस परीक्षा में करीब 96 हजार परीक्षार्थियों ने भाग लिया। विवि के परीक्षा भवन में स्नातक की परीक्षा दो पालियों में आयोजित हुई।

जीवाजी विवि ने बीए, बीएससी, बीकॉम एवं बीएचएससी प्रथम व द्वितीय वर्ष की परीक्षा के लिए अंचल में कुल 84 परीक्षा केन्द्र बनाए हैं, जहां सुबह 9 से दोपहर 12 एवं दोपहर 2 से शाम 5 बजे के बीच परीक्षा हुई। प्रथम वर्ष में जहां 57,003 छात्र तो द्वितीय वर्ष में 39,529 छात्र शामिल होना थे। विवि के परीक्षा भवन में सुबह 9 से दोपहर 12 बजे की परीक्षा में करीब 2 हजार छात्र उपस्थित हुए। वहीं दोपहर 2 से शाम 5 बजे के बीच हुई परीक्षा में 900 विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए पहुंचे, जबकि 36 परीक्षार्थी परीक्षा में उपस्थित ही नहीं हुए। केन्द्राध्यक्ष डॉ. सुशील मंडेरिया के सामने उस समय मुसीबत खड़ी हो गई, जब कुछ विद्यार्थियों के पास रोल नम्बर ही नहीं थे। आनन-फानन में आकर केन्द्राध्यक्ष ने डॉकेट अपडेट किया और रोलन नम्बर निकालकर छात्रों को दिए।

सघन चैकिंग के बाद प्रवेश


जीवाजी विवि के परीक्षा भवन में नकल पर अंकुश लगाने के लिए छात्रों की लाइन लगाकर अच्छी तरह से तलाशी लेने के बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश दिया गया। इससे छात्र नकल की पर्चियां अंदर नहीं ले जा सके और उनके नकल करने के मंसूबों पर पानी फिर गया।

नहर किनारे परीक्षा केन्द्र, छात्र-छात्राएं परेशान: विवि ने इन परीक्षाओं के लिए सबलगढ़ में आईआईपीएस महाविद्यालय को परीक्षा केन्द्र बनाया है। इस परीक्षा केन्द्र पर सैकड़ों छात्र-छात्राओं को बैठना है, जबकि यहां पर्याप्त फर्नीचर व ड्यूटी स्टाफ की व्यवस्था नहीं है। महाविद्यालय संचालकों का कहना है कि आईआईपीएस महाविद्यालय शहर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर नहर किनारे बेरई गांव के पास स्थित है। महाविद्यालय तक पहुंचने के लिए छात्र-छात्राओं को नहर किनारे करीब डेढ़ किलोमीटर लम्बी कच्ची सडक़ से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे छात्राओं को असुरक्षा महसूस होने की संभावनाएं बनी हुई है। छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय से परीक्षा केन्द्र परिवर्तित कर शहरी क्षेत्र में बनाए जाने की मांग उठाई है। विवि के कुलसचिव डॉ. आई.के. मंसूरी ने उक्त प्रकरण को केन्द्र निर्धारण समिति के समक्ष रखने के आदेश दिए हैं, जिस पर शनिवार को फैसला लिया जाएगा।

परीक्षा देने पहुंची छात्रा के छलके आंसू

आईटीएस कॉलेज से बीकॉम करने वाली छात्रा ललिता ने गुरुवार को परीक्षा फार्म जमा किया था। देर से परीक्षा फार्म जमा करने के कारण ललिता का रोलन नम्बर जनरेट नहीं हुआ। रोल नम्बर जनरेट न होने के कारण वीक्षक ने परीक्षा कक्ष में जाने से रोक दिया। परीक्षा से वंचित होते देख छात्रा फूट-फूटकर रोने लगी। छात्रा को रोते देख केन्द्राध्यक्ष ने उसका डॉकेट अपडेट किया और रोलन नम्बर निकालकर छात्रों को दिया।

परीक्षा भवन में यह परीक्षार्थी हुए शामिल

पाठ्यक्रम छात्र संख्या

बीकॉम द्वितीय वर्ष : 720

बीएससी द्वितीय वर्ष (बाईयो.टेक) : 109

बीएससी द्वितीय वर्ष (फूड एंड न्यूट्रीशियन) : 02

बीएससी द्वितीय वर्ष (फोरेंशिक साइंस) : 8

बीएससी द्वितीय वर्ष (इंड.मिक. बाइलोजी) : 49

बीएससी द्वितीय वर्ष (माइक्रोबायलोजी) : 10

बीई प्रथम वर्ष (इएल., सीएच., सीएस) : 87

बीई 1 (इएल., सीएच.) एंड 2 सीएस सेमे. : 12

देरी से आने वाले छात्र : 09

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