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प्रशासन के हाथों में जिले की कमान, आचार संहिता लागू

Update: 2019-03-10 18:10 GMT

ग्वालियर, न.सं.

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर रविवार से जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसके साथ ही चुनाव कार्य सहित जिले की कमान प्रशासन के हाथों में आ गई है। आचार संहिता के दौरान राजनीतिक दल बिना अनुमति के ज्यादातर काम नहीं कर सकेंगे। राजनीतिक दलों के चुनावी खर्चे पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। रैली, सभाओं, वाहनों, प्रचार-प्रसार आदि की विशेष रूप से अनुमति लेना होगी। जिला एवं पुलिस प्रशासन ने चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पूरी चुनाव प्रक्रिया कलेक्ट्रेट एवं एमएलबी महाविद्यालय से संचालित होगी। सामग्री का वितरण एवं मतगणना यहीं पर होगी। मतदान के दौरान प्रत्याशियों को निर्धारित व्यय सीमा में ही राशि खर्च करना होगी। यह जानकारी जिलाधीश अनुराग चौधरी ने चुनाव आदर्श आचार संहित लागू होने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी। जिलाधीश ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। सभी इसका पालन करें। उन्होंने कहा कि आदेशों की अवहेलना एवं आचार संहिता के उल्लंघन पर नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उम्मीदवारों को चुनाव व्यय की जानकारी देना होगी। किसी प्रत्याशी को निर्धारित व्यय सीमा में ही राशि खर्च करना होगी।

वाहनों के लिए लेना पड़ेगी अनुमति

चुनाव में उपयोग होने वाले वाहन बिना अनुमति के नहीं चलेंगे। इसके लिए अनुमति लेना होगी। मतदाताओं के सिवाय कोई भी व्यक्ति निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए विधिमान्य पास के बिना मतदातन केन्द्रों में प्रवेश नहीं करेगा। चुनाव प्रचार में सरकारी मशीनरी का बिलकुल भी उपयोग नहीं हो सकेगा।

नहीं दे सकेंगे जातिगत भाषण

आचार संहिता के दौरान राजनीतिक दल या अभ्यर्थी ऐसे कार्य नहीं करेंगे, जिससे विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाए या घृणा की भावना एवं तनाव पैदा करे। जब अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए, तब वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पुराने आचरण और कार्य तक ही सीमित रहें। यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जाना चाहिए, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो।

नहीं मिलेंगे सरकारी आवास व गेस्ट हाउस

सत्ताधारी दल या उसके अभ्यर्थियों का विश्राम गृहों, डाक बंगलों या अन्य सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं होगा और ऐसे आवासों का प्रयोग निष्पक्ष तरीके से करने के लिए अन्य दलों और अभ्यर्थियों को भी अनुमति दी जाएगी। किंतु कोई भी दल या अभ्यर्थी ऐसे आवासों का (इनके साथ परिसरों सहित) प्रचार कार्यालय के रूप में या निर्वाचन प्रोपेगंडा के लिए कोई सार्वजनिक सभा करने की दृष्टि से प्रयोग नहीं करेगा।

रैली व सभा के लिए लेना होगी पूर्व अनुमति

आमसभा एवं रैली के लिए पुलिस अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेना होगी। जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही हों, वहां एक दल द्वारा लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता द्वारा हटाए नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा लाउड स्पीकरों का उपयोग करने से पहले अनुमति लेना होगी।

देखी एफएलसी की व्यवस्था

जिलाधीश एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग चौधरी रविवार को शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई महाविद्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने लोकसभा निर्वाचन की तैयारियां देखीं। महाविद्यालय में चल रही एफएलसी की व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने उप जिला निर्वाचन अधिकारी अनूप कुमार सिंह एवं डिप्टी कलेक्टर राघवेन्द्र पाण्डेय को निर्देश दिए कि एफएलसी व्यवस्था में आयोग के नियम व निर्देशोंं का पूरी तरह पालन हो। दीवारों पर नियमों व निर्देशों की जानकारी चस्पा कर दी जाए। उन्होंने श्री पाण्डेय को निर्देश दिए कि पर्चियां आदि को एकत्रित कर सही ढंग से नष्ट किया जाए।

लोकसभा क्षेत्र में हैं 2327 मतदान केन्द्र

ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में कुल 2327 मतदान केन्द्र हैं, जबकि मतदाताओं की संख्या 19,80,940 है। इनमें 10 लाख 67 हजार 228 पुरुष एवं 9 लाख 13 हजार 642 महिलाओं की संख्या है। जिला उप निर्वाचन अधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि मतदाताओं की संख्या 22 फरवरी तक की है। चूंकि 22 फरवरी के बाद विशेष शिविर लगाए गए थे, इसलिए मतदाताओं की संख्या में इजाफा होगा। विधानसभा चुनाव के बाद 34 हजार 657 नए मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। 

प्रचार सामग्री का उपयोग करने लेना होगी अनुमति

राजनीतिक दल व उम्मीदावारों को झंडा खड़ा करने, बैनर टांगने, सूचना चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी सहमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देना चाहिए। राजनीतिक दलों और अभ्यॢथयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं, रैलियों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें।

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