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सस्ता खाना घर पहुंचा रहे जोमेटो और स्वीगी

Update: 2019-02-11 19:36 GMT

घर बैठे ऑनलाइन दें ऑर्डर

ग्वालियर, न.सं.

शहर में इन दिनों तमाम बाइक सवार पीठ पर जोमेटो और स्वीगी लिखे बैग टांगे घूमते दिखाई दे रहे हैं। सबकी निगाह इनकी ओर जाती है कि शहर में यकायक ये बाइक सवार क्या कर रहे हैं? दरअसल बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने घर और संस्थान तक रेस्तरां का भोजन और फास्ट फूड पहुंचाने के लिए नई तकनीक अपनाई है, जिसके तहत अपने मोबाइल पर जोमेटो और स्वीगी का एप डाउनलोड करने पर कई तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं, जिसमें शहर के ही रेस्तरां तो अपने भोजन कम पैसों में दे ही रहे हैं, साथ ही विदेशी कंपनी भी उसमें कुछ रियायत दे रही हैं, जिससे भोजन मंगाने वाले घर बैठे गर्मागर्म और सस्ता खाना पा रहे हैं। वहीं इस सेवा में कई खामियां भी हैं जैसे भोजन कम मात्रा में मिल रहा है और उसमें अशुद्धियां भी मिल रही हैं।

जानकारी के अनुसार शहर के सिटी सेंटर क्षेत्र के एक होटल में जोमेटो और स्वीगी के लोग ठहरे हुए हैं, जो शहर के होटल एवं रेस्तरां वालों से संपर्क कर उन्हें अपनी योजना बताकर अनुबंधित कर रहे हैं, जिसके तहत होटल व रेस्तरां संचालक अपनी ओर से 10 से 40 फीसदी रियायत (अधिकतम सौ रुपए) दे रहे हैं। इसमें कंपनियां भी अपनी ओर से रियायत दे रही हैं, जिससे आमजन और बाहर का खाना पसंद करने वाले इस योजना के तहत भोजन मंगा रहे हैं।

मिल रहा है रोजगार

उक्त कंपनियों से बेरोजगार युवा रोजगार पा रहे हैं। बशर्ते उनके पास बाइक और एंडरॉयड मोबाइल होना चाहिए। कंपनी द्वारा इन लोगों को 10 से 12 हजार रुपए तक मासिक दिए जाते हैं। अच्छी सर्विस देने पर प्रत्येक सर्विस का 10 रुपए भी मिलते हैं।

कुछ आ रही हैं कमियां

शहर में ग्राहक द्वारा भोजन का ऑर्डर देने के बाद कई बार भोजन में कमियां भी मिलती हैं। जैसे भोजन की मात्रा कम और रखा हुआ भोजन भी दे दिया जाता है, साथ ही रेस्तरां पर दो दिन रखा हुआ गाजर का हलवा, पांच दिन पुरानी रबड़ी भेजने पर विवाद हो चुका है। 

इनका कहना है

ग्वालियर में हमारे द्वारा दो दर्जन से अधिक होटल और रेस्तरां की सर्विस आमजन तक पहुंचाई जा रही है, जिससे हमारा व्यवसाय रोजाना 8-9 लाख रुपए है, जबकि स्वीगी 2-3 लाख का ही व्यवसाय कर पा रही है। हमारे द्वारा होटल व रेस्तरां को प्रत्येक गुरुवार को भुगतान किया जाता है।

पंकज इडनानी

बिजनेस हैड, जोमेटो

जोमेटो के शुरू होने से हमें रोजगार मिल रहा है। हमें समय पर ग्राहकों को खाना पहुंचाने पर कंपनी द्वारा अलग से भुगतान भी मिलता है।

विवेक प्रजापति

डिलेवरी बॉय

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