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गैर कांग्रेसी शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति निरस्त करें

Update: 2019-02-04 09:21 GMT

अधिवक्ताओं ने वरिष्ठ नेताओं को दी सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी

ग्वालियर, न.सं.

म.प्र. शासन के विधि-विधायी विभाग द्वारा जारी की गई म.प्र. उच्च न्यायालय ग्वालियर खण्डपीठ के शासकीय अधिवक्ताओं की सूची में शामिल गैर कांग्रेसी अधिवक्ताओं की नियुक्ति को तत्काल निरस्त किया जाए। यह मांग रविवार को कांगेस कार्यालय पर आयोजित कांग्रेस की विधि एवं मानव अधिकार विभाग की बैठक में शामिल अधिवक्ताओं द्वारा की गई।

शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिसके चलते रविवार को कांगेस समर्थित अधिवक्ताओं के विधि एवं मानव अधिकार विभाग की बैठक आयोजित की गई, जिसमें शामिल अधिवक्ताओं ने सूची में गैर कांग्रेस विचारधारा के अधिवक्ताओं को शामिल किए जाने का आरोप लगाते हुए इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की। यही नहीं, बैठक में शामिल अधिवक्ताओं ने इसका दोष लीगल सेल के संभागीय कॉर्डिनेटर संजय शुक्ला पर लगाते हुए उन्हें पद से पृथक करने की मांग की। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि उपरोक्त नियुक्ति के भ्रष्टाचार में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संजय शुक्ला का सहयोग रहा है। ऐसे भ्रष्टाचारी को पद से पृथक किया जाए। इस प्रस्ताव को बैठक में शामिल अधिवक्ताओं ने ध्वनि मत से पारित किया। इसके अलावा बैठक में कहा गया कि नवनियुक्त शासकीय अधिवक्ताओं में शामिल गैर कांग्रेसी अधिवक्ताओं की उच्च न्यायालय में अनुपस्थिति लगभग शून्य है। उनकी नियुक्ति निरस्त करके लीगल सेल में शामिल कांग्रेस विचारधारा के ऐसे अधिवक्ताओं को शामिल किया जाए, जो नियमित रूप से उच्च न्यायालय में वकालत कर रहे हैं। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगामी नियुक्तियों हेतु लीगल सेल के अध्यक्ष अनिल मिश्रा, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा तथा लीगल सेल के शहर अध्यक्ष नीरज भार्गव द्वारा वरिष्ठ नेतृत्व से समन्वय किया जाएगा। बैठक उपरांत अधिवक्ताओं द्वारा अपनी मांग को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, विधि एवं मानव अधिकार विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तनखा एवं शहर जिला कांगे्रस अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा को पत्र प्रेषित किया गया है, जिसमें मांग नहीं मानने की दशा में सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी गई है। 

कांग्रेस विचारधारा के सिर्फ 11 अधिवक्ता शामिल

बैठक में शासकीय अधिवक्ताओं की घोषित सूची की समीक्षा की गई, जिसमें पाया गया कि घोषित किए गए 32 शासकीय अधिवक्ताओं में से मात्र 11 अधिवक्ता ही कांग्रेस विचारधारा की पृष्ठभूमि से हैं, जबकि शेष अधिवक्ता गैर कांग्रेस विचारधारा के हैं। इस समीक्षा के मुताबिक कांग्रेसी पृष्ठभूमि के अधिवक्ताओं में राजेन्द्र जैन, आनंद भारद्वाज, अनुराधा सिंह, पवन रघुवंशी, विक्रांत शर्मा, आदित्य घुरैया, भंवर सिंह भदौरिया, राजीव शर्मा, एम.एस. रावत एवं ऋषिकेश दत्त मिश्रा शामिल हैं।

उप महाधिवक्ता के लिए भी गैर कांगे्रसी का नाम भेजा

लीगल सेल के शहर अध्यक्ष नीरज भार्गव ने स्वदेश को बताया कि शासकीय अधिवक्ताओं के साथ ही उप महाधिवक्ता पद के लिए भी गैर कांगे्रसी नाम भेजा गया है। श्री भार्गव के मुताबिक उप महाधिवक्ता पद के लिए डी.डी. बंसल का नाम अनुमोदित किया गया है, जबकि श्री बंसल अधिवक्ता परिषद के हाईकोर्ट इकाई के अध्यक्ष हैं। बहरहाल इस विरोध प्रदर्शन के चलते नवनियुक्त शासकीय अधिवक्ताओं में खासा हडक़म्प मचा हुआ है और उन्हें डर सता रहा है कि विरोध के कारण जोड़-तोड़ के जरिए हुईं उनकी नियुक्तियां कहीं निरस्त न हो जाएं। 

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