SwadeshSwadesh

लघु उद्योग भारती का प्रादेशिक सम्मेलन आयोजित

उद्योगों की समस्याओं को समझे सरकार

Update: 2019-12-02 10:34 GMT

ग्वालियर। एमएसएमई में उत्पादन, सेवा और ट्रेडर्स को सम्मिलित करने से ही लघु उद्योगों के लिए सही नीति नहीं बन पा रही है क्योंकि तीनों की समस्याएं अलग हैं। यह बात लघु उद्योग भारती के निवर्तमान अध्यक्ष जितेन्द्र गुप्ता ने उद्योगपतियों के सम्मेलन में कही। कार्यक्रम में विधायक मुन्नालाल गोयल भी उपस्थित थे।

श्री गुप्ता ने कहा कि देश के 6 करोड़ 33 लाख माइक्रो स्माल इंटरप्राइजेज को अपने अर्थशास्त्र के मुद्दों पर हर मोर्चे पर लडऩा होगा। हमने केन्द्र शासन से कहा है कि सूक्ष्म, स्माल, मीडियम तीनों कैटगरी को अलग करिए। छोटे जॉब वर्क पर जीएसटी पांच प्रतिशत और जिन उद्योगों का टर्न ओवर तीन करोड़ तक का है, उन्हें 25 प्रतिशत रिफंड दिया जाए। प्रदेश अध्यक्ष महेश गुप्ता ने कहा कि डीईआईसी की जमीनों पर संपत्तिकर और संधारण शुल्क लगता है। यह दोहरा कर नहीं लगना चाहिए। उद्योगों के रोजगार में आरक्षण नीति ठीक नहीं है। इससे योग्यता का हनन होता है। किसी भी दुर्घटना पर धारा 304 ए लगाई जाना चाहिए।

कार्यक्रम में उद्यमी मनोज अग्रवाल, सुदीप शर्मा, जगदीश मित्तल, मोहन गर्ग, प्रकाश अग्रवाल, जी.के. सूरी एवं विजय गाबरा ने उद्योगों में आ रही समस्याओं को रखा। प्रदेश सचिव राजेश मिश्रा ने संगठन के कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। संचालन आलोपी बंसल ने और आभार सोबरन सिंह ने व्यक्त किया। इस अवसर पर उद्योग पत्रिका का विमोचन अतिथियों ने किया। 

Tags:    

Similar News