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खाली हाथ सिंधिया, दरबारियों को क्या मिलेगा ?

Update: 2019-09-04 13:40 GMT

ग्वालियर। पिछले 15 साल से प्रदेश में भाजपा की सरकार काबिज थी। ऐसे में कांग्रेस के तमाम छात्रपों ने एक होने का ऐलान कर जैसे-तैसे कांग्रेस की सरकार बनवाई।जिसमें अहम भूमिका में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रहे, किंतु जैसे ही मुख्यमंत्री बनाने की बारी आई तो यह कुर्सी केंद्र में राजनीति कर रहे कमलनाथ को मिल गई। इसके बाद सात महीने गुजरने पर सिंधिया फिलहाल खाली हाथ ही हैं। जबकि उनके दरबारियों में जो विधायक और मंत्री बने हैं वे जरूर मलाई मारने में लगे हैं। किंतु अन्य दरबारी सिंधिया की तरह खाली हाथ ही हैं। सरकार बनने पर यह दरबारी राजनीतिक पद की आस में थे, जिनमें उन कांग्रेसियों की संख्या काफी है,जो सिंधिया के लिए गुना शिवपुरी में जाकर ड्यूटी बजाते हैं। किंतु मौजूदा स्थिति में सिंधिया बेहद असहाय होकर खुद के लिए ही लड़ने में लगे हैं। जिसपर उनके समर्थक उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के लिए अड़े हुए हैं।मंगलवार को सायं जयविलास पैलेस में दरबार सजा तो ग्वालियर चंबल अंचल के तमाम कांग्रेसी उनसे अपनी बात रखने यहां आए। किंतु पद की मांग कोई नहीं कर सका। बस महाराज जिंदाबाद के नारे जरूर हुए।यहां श्री सिंधिया सभी से बारी-बारी से मिले, किंतु किसी को कोई बड़ा आश्वासन नहीं दे सके। इस दौरान ऐसे चेहरे भी नजर आए जो कभी महल में नहीं देखे गए। इनमें कभी दिग्विजय सिंह के खास रहे लोकेंद्र सिंह कोडेरा शामिल है। इसके अलावा वहां वरिष्ठ नेता चंद्रमोहन नागौरी, देवेंद्र शर्मा, रमेश अग्रवाल, रामबरन सिंह गुर्जर, मोहन सिंह राठौड़, वृंदावन सिंह सिकरवार, रश्मि पवार शर्मा, राजू चौधरी, प्रमोद पांडे, लतीफ खान मल्लू,कुलदीप कौरव,रमेश शर्मा पचेरा, पंकज शर्मा, किशन मुदगल, सुधीर गुप्ता, किरण खैनवार, रमा पाल, सत्येंद्र शर्मा, सहित कई नेता शामिल रहे।

विधायक ओपीएस और रणवीर ने की अलग से मुलाकात

यहां दरबारियों के रूप में मेहगांव के विधायक ओपीएस भदौरिया एवं गोहद के विधायक रणवीर जाटव भी थे। इन लोगों ने श्री सिंधिया से अलग से मुलाकात की बात रखी। तब सिंधिया ने इन्हें अलग से अपने कक्ष में बुलवाया। वहां कुछ समय तक इनसे बात हुई। यहां बता दें कि चंबल क्षेत्र में अवैध रेत खनन को लेकर पिछले दिनों वरिष्ठ मंत्री डॉ गोविंद सिंह और इन दोनों विधायकों में बयान का युद्ध चला था।जिसके बाद दो रोज पहले ही डा गोविंद सिंह की मुलाकात नई दिल्ली में सिंधिया से हुई है। ऐसे में इन दोनों को भी खनन मामले में बचकर बयान देने की सलाह दी है।

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