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नोटबंदी के दौरान तेल कारोबारी ने किया था फर्जी तरीके से 400 करोड़ का लेनदेन

आयकर विभाग की कार्रवाई पूर्ण मिल संचालक गोविंद बंसल गिरफ्तार

Update: 2018-10-12 07:16 GMT

ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। मुरैना के सूरजभान ऑयल मिल के संचालक गोविंद बंसल और उनके परिजन, संजय बंसल, विष्णु मंगल एवं सूरज बंसल पर आयकर विभाग ने गत दिवस सर्वे की कार्रवाई की। इस कार्रवाई में आयकर विभाग को अहम दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें विभाग ने जब्त कर लिया है। आयकर विभाग के अधिकारियों को इस कार्रवाई में सूरजभान ऑल मिल एवं भारत वैज ऑयल मिल द्वारा नोटबंदी के दौरान 400 करोड़ रुपए के फर्जी लेनदेन की जानकारी भी हाथ लगी है। विभाग को यह भी जानकारी हाथ लगी है कि इन लोगों का संबंध पुणे की किसी कंपनी से भी है, जिसके साथ मिलकर वह अवैध तरीके से कारोबार कर रहे थे। कार्रवाई के दौरान विभागीय अधिकारियों ने तीन लाख रुपए नगद और 50 लाख रुपए की ज्वेलरी भी जब्त की है। कार्रवाई के चलते गोविंद बंसल और उनके परिजनों द्वारा आयकर अधिकारियों पर किए गए हमले को लेकर पुलिस विभाग ने शासकीय कार्य में बाधा डालने और हमला करने पर गोंविद बंसल पर धारा 353, 332, 186, 294, 323, 506 एवं 34 के अंतर्गत मामला कायम कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। आयकर विभाग द्वारा सर्वे की कार्रवाई पूरी कर ली गई है।

उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग की टीम के डिप्टी कमिश्नर विक्रम पगारिया ने अपने साथियों के साथ सूरजभान ऑलय मिल के संचालक गोविंद बंसल और उनके परिजनों पर बुधवार को कार्रवाई शुरू की थी। कार्रवाई शुरू होते ही विभाग को नगदी, ज्वेलरी और तमाम अवैध दस्तावेज मिले, जिनका जवाब गोविंद बंसल और उनके परिजन नहीं दे पा रहे थे। कार्रवाई के दौरान विभाग को यह पता चला कि इन लोगों द्वारा नोटबंदी के दौरान फर्जी तरीके से 400 करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया। आयकर विभाग की इतनी बड़ी कार्रवाई को देखते हुए गोविंद बंसल के पुत्र संजय बंसल ने आयकर अधिकारियों से कहा कि उन्हें आराम चाहिए, उनकी तबीयत खराब हो गई है। इसके तुरंत बाद आयकर अधिकारियों ने संजय बंसल को ग्वालियर इलाज के लिए भेज दिया, जहां चिकित्सकों ने उनको स्वस्थ बताया। इसके साथ गोविंद बंसल ने अपने परिजनों एवं 40-50 लोगों की भीड़ के साथ सुनियोजित तरीके से आयकर अधिकारी विक्रम पगारिया और उनकी टीम पर हमला कर दिया और जब्त दस्तावेजों को छीनने की कोशिश करने लगे। हमले के दौरान विक्रम पगारिया के कपड़े भी फट गए, लेकिन उन्होंने महत्वपूर्ण दस्तावेंजों और जब्त सामान को नहीं छोड़ा। इसके बाद वहां उपस्थित पुलिस बल ने अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर स्थिति को नियंत्रित किया।

पिछले दस वर्षों की होगी रिकवरी

आयकर अधिकारियों ने बताया कि गोविंद बंसल की फर्म द्वारा पिछले दस वर्षों में जितना भी कारोबार किया गया है, उसकी कमाई की जांच और रिकवरी की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों के बैंक लॉकर आदि को भी सील कर दिया गया है।

पुलिस सभी की गिरफ्तारी करे

नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि विक्रम पगारिया बहुत ही होनहार अधिकारी हैं। विक्रम ने हमले के दौरान अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं नगदी आदि के बैग को नहीं छोड़ा। आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जिस प्रकार से गोविंद बंसल पर मामला कायम कर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है, उसी प्रकार अन्य हमलावरों पर मामला कायम कर गिरफ्तारी की जाए। मामले की जांच कराते हुए इन सभी लोगों को सजा दिलवाई जाए। आयकर अधिकारियों ने कहा कि इन लोगों द्वारा पूर्ण सुनियोजित तरीके से हम लोगों पर हमला किया गया था।

एक नजर में

-आयकर विभाग की टीम में 6 से 7 अधिकारी और कर्मचारी थे।

-पहले पुलिस बल की संख्या छह थी। हमले के बाद संख्या 20 हो गई।

-संजय बंसल बीमारी का बहाना बनाकर कार्रवाई को रुकवाना चाहते थे।

-उक्त फर्म द्वारा आयकर विभाग को पिछले कई वर्षों से कर के नाम पर चूना लगाया जा रहा था।

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