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हिन्दू नववर्ष की पहली कामदा एकादशी आज, रखे जाएंगे व्रत

Update: 2024-04-19 01:00 GMT

ग्वालियर।  हिन्दू नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पहली कामदा एकादशी 19 अप्रैल शुक्रवार को मनाई जाएगी। शहर के कृष्ण और खाटू श्याम मंदिरों में भगवान का अभिषेक कर विशेष पूजा-अर्चना होगी। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की भी पूजा करेंगे। कामदा एकादशी का व्रत करने से साधक को 100 यज्ञों के बराबर फल प्राप्त होता है। इस एकादशी को करने से दुख और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है। इस दिन रवि, वृद्धि और धु्रव योग भी बन रहे हैं जो विशेष फलदायी हैं।

ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि कामदा एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। वहीं संध्या काल में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है। कामदा एकादशी व्रत के पुण्य से जीवात्मा को पाप से मुक्ति मिलती है। शब्द कामदा का अर्थ है कामनाओं को पूरा करने वाली एकादशी। कामदा एकादशी व्रत रखने पर पारिवारिक जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं। सांसारिक जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है।

कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त:-

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 18 अप्रैल 2024 शाम 05 बजकर 31 मिनट पर हुआ है जिसका समापन 19 अप्रैल को रात्रि 08 बजकर 04 मिनट पर होगा। कामदा एकादशी व्रत 19 अप्रैल को रखा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ समय सुबह 05 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 43 मिनट तक है।

कामदा एकादशी पर भगवान विष्णु को लगाए भोग:-

भगवान विष्णु को केला प्रिय है। इसलिए आप पूजा के दौरान प्रभु को केले का भोग लगा सकते हैं। मान्यता है कि भोग में केला शामिल करने से धन संबंधित समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही कुंडली में से गुरु दोष का असर खत्म होता है। कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग जरूर लगाना चाहिए। भोग में तुलसी दल को शामिल करना चाहिए। माना जाता है कि तुलसी दल के बिना भगवान भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इसके अलावा भोग में साबूदाने की खीर और मिठाई को शामिल कर सकते हैं। मान्यता है कि इन चीजों का भोग लगाने से प्रभु प्रसन्न होते हैं।

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