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पीले पानी की समस्या को लेकर भीषण गर्मी में नंगे पैर निकले पूर्व मंत्री

Update: 2020-05-29 06:58 GMT

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि।पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। मंत्री रहते जहां नाला सफाई को लेकर चर्चित हुए थे, वहीं पिछले दिनों अपने पुत्र और यातायात पुलिस के बीच हुए विवाद पर उन्होंने न सिर्फ पुत्र का चालान कटवाया, बल्कि अगले दिन उसे सार्वजनिक शौचालय की साफ सफाई में लगा दिया था। श्री तोमर को लंबे समय से यह शिकायत मिल रही थी कि हजीरा क्षेत्र के चार शहर का नाका पर पीला पानी प्रदाय किया जा रहा है। तब वह गुरुवार को भीषण गर्मी में चार शहर के नाका स्थित गलियों में जनसमस्या जानने के लिए नंगे पैर निकल पड़े। फिर आमजन से पानी की समस्या जानी। भरी दोपहरी में सड़क और गलियों में पूर्व मंत्री को नंगे पैर देख आमजन अचंभित रह गए। इस दौरान श्री तोमर ने नगर निगम एवं पीएचई अधिकारियों को धमकी भरे अंदाज में कह दिया कि जब तक इस क्षेत्र में साफ पानी प्रदान नहीं किया जाएगा,तब तक वह जूते चप्पल नहीं पहनेंगे। श्री तोमर के इस रवैए पर जहां आमजन खुश है, वही विपक्ष यानीकि कांग्रेस नेता इसे नौटंकी ही मान रहे हैं।

यहां बता दें कि वर्ष 1987-88 में जनकल्याण संघर्ष समिति के बैनर तले आमजन की आवाज उठाते रहे श्री तोमर को तत्कालीन केंद्रीय रेल राज्य मंत्री स्व माधवराव सिंधिया राजनीति में लेकर आए। यद्यपि इस बीच उनके संपर्क वरिष्ठ नेता स्व तारा सिंह योगी एवं रमाशंकर सिंह से भी रहे। चूंकि स्व सिंधिया ने उन्हें विशेष तवज्जो दी, इसलिए वह महल के नजदीक आ गए। माधवराव सिंधिया के निधन के बाद वह ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी नजदीकी बने रहे। इसी वजह से वर्ष 2008 से 2018 तक लगातार तीन बार उन्हें विधानसभा का टिकट मिला, जिसमें दो बार सफल रहे। वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव जीतने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। सवा साल मंत्री रहते वे नाला सफाई और आमजन की समस्याओं के लिए तत्पर रहे। इस दौरान कैबिनेट बैठकों में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से उनकी कई बार नोकझोंक भी हुई। उनके नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आ जाने पर वह मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा देकर अब भाजपा में हैं।

क्या कहते हैं लोग-

श्री तोमर द्वारा नाला सफाई और आंदोलन चलाए जाने को आमजन जनहित में मानते रहे हैं। जब वह कांग्रेस में थे, तब भाजपा उनके इस कार्य को नौटंकी बताती थी। ठीक अब जब वह भाजपा में है तो कांग्रेस के लोग उनके इस कार्य को नौटंकी बता रहे हैं। उनके जाने-माने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के महासचिव सुनील शर्मा कहते हैं कि भाजपा शासन के रहते उन्होंने जूते चप्पल उतारे हैं तो इसे यही माना जाएगा कि भाजपा का शासन और प्रशासन आमजन को साफ पानी पिलाने में असमर्थ है। यदि वे गंदा पानी का निराकरण कराएंगे, तभी जनसेवक कहलाएंगे।

मुझे पता लगा कि चार शहर का नाका में गंदा पानी प्रदाय किया जा रहा है और नगर निगम एवं पीएचई ठीक से कार्य नहीं कर रही है तो मैं जूते-चप्पल उतारकर गली-गली घुमा हूं। जब तक साफ पानी नहीं मिलेगा मैं इसी तरह घूमूंगा कल सुबह 5 बजे क्षेत्र का भ्रमण करूंगा। इसे कम से कम यह एहसास भी हो रहा है कि एक मजदूर नंगे पैर किस तरह रह पाता होगा।

प्रद्युम्न सिंह तोमर

पूर्व मंत्री 

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