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छात्रों ने जानी साइबर अपराध और सुरक्षा की बारीकियां

माधव विधि महाविद्यालय में साइबर सुरक्षा पर कार्यशाला आयोजित

Update: 2019-12-26 23:00 GMT

 ग्वालियर। मध्य भारत शिक्षा समिति द्वारा संचालित माधव विधि महाविद्यालय में गुरूवार को महाविद्यालय की एनएसएस इकाई व इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स के संयुक्त तत्वावधान में साइबर सुरक्षा एवं साइबर अपराध पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें दिल्ली से आए विशेषज्ञ अनुज अग्रवाल ने छात्रों को साइबर अपराध जैसे नेटवर्किंग, आईपी ऐड्रेस, इंटरनेट, वेबसाइट, बैकिंग सुरक्षा पर चर्चा की। कार्यशाला के दौरान उन्होंने इस अपराध से जुड़े एक्ट जुर्माने और किस हद तक ये अपराध हो रहे है इसकी भी जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को आईपी एड्रेस, उसको कंप्यूटर में खोजने का तरीका और सर्वर की प्रक्रिया के काम करने के तरीके के बारे में भी जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने साइबर अपराधों को अलग-अलग उदाहरण देकर उनसे बचने के उपाय भी बताए। कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री अग्रवाल ने बताया कि सायबर अपराध बढऩे का कारण सुरक्षा के मापदंड नहीं अपनाना, नियमों की जानकारी न होना एवं असली दुनिया के मापदंड वर्चुअल वल्र्ड में अपनाना ही सायबर अपराध बढऩे का मुख्य कारण है। यह युग इंफरर्मेशन का युग है, जिसके पास जितनी ज्यादा जानकारी होगी वह उतना ही सशक्त होगा। इस मौके पर इस कार्यशाला में शामिल छात्र-छात्राओं ने अपनी जिज्ञासाओं को प्रश्नों के माध्यम से रखा गया, जिनका समाधान श्री अग्रवाल ने सहजता से किया गया। इस अवसर पर राधाकृष्ण खेतान, जयंत भिड़े, माधव विधि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ नीति पांडे, कार्यक्रम अधिकारी डॉ अमित बंसल उपस्थित थे।

 महत्वपूर्ण जानकारियां सोशल मीडिया पर न शेयर करें

कार्यक्रम अधिकारी डॉ नीति पांडे ने कहा कि आजकल अपराधी भी हमारी सोशल मीडिया की हर गतिविधियों पर नजर रखते है, हमारे द्वारा सोशल मीडिया पर शेअर की गई जानकारी का उपयोग कर सायबर अपराध को अंजाम दे रहे है। इसलिये अपनी महत्वपूर्ण व व्यक्तिगत जानकारियां सोशल मीडिया पर शेयर न करें। वहीं एनएसएस के डॉ अमित बंसल ने भी छात्रों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी।

 विभिन्न अपराधों के बारे में दी जानकारी

-आधुनिक टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल सुरक्षित ढंग से करते हुए उसका इस्तेमाल अपने लाभ के लिए करें न कि दूसरों को नुक्सान पहुंचाने में ।

-युवा सोच समझकर ही फेसबुक पर दोस्त बनाए । इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाईस का उपयोग करते समय हमेशा अपने मस्तिष्क में सुरक्षा की बातों को बनाये रखें ।

-वर्तमान में नागरिकों को नित नए-नए सायबर अपराधों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी जानकारी हमें समाचार-पत्रों/न्यूज चैनलों से प्रतिदिन प्राप्त हो रही है।

-सायबर अपराधों को नियंत्रित करने व इसके दुष्प्रभावों से बचने का सबसे सशक्त माध्यम है युवाओं, छात्रों व आम नागरिकों की-जागरूकता।

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