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भारत बंद : टोलियों में बंद कराने सड़कों पर उतरे कांग्रेसी, जनता का नहीं मिला पूर्ण समर्थन

जनजीवन सामान्य रहा, सड़कों पर चले सवारी वाहन, पुलिस की रही कड़ी व्यवस्था, धारा 144 का भी हुआ उल्लंघन

Update: 2018-09-10 08:17 GMT

ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने आज भारत बंद बुलाया । ग्वालियर में भी जिला कांग्रेस कमेटी ने बंद का आह्वान किया । लेकिन इस बार का कांग्रेस का भारत बंद बहुत अधिक सफल नहीं कहा जा सकता। ग्वालियर में इसका बहुत अधिक प्रभाव देखने को नहीं मिला। अधिकतर बाजार खुले रहे तो कहीं बंद रहे । सुबह के समय शहर के पेट्रोल पंप भी खुले हुए थे लेकिन उज्जैन में हुई पेट्रोल पंप की तोड़फोड़ की घटना के बाद शहर के कुछ पेट्रोल पंप संचालकों ने पेट्रोल पंप बंद कर दिए। जबकि कुछ ने खोले रखे।


पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़ती कीमतों के विरोध में जनता के गुस्से को भुनाने के लिए कांग्रेस ने आज भारत बंद का आह्वान किया । कांग्रेस ने इसमें शहर के लोगों से शांतिपूर्ण समर्थन की मांग की थी और छोटे बड़े सभी व्यापारियों से समर्थन माँगा। लेकिन विशेष बात ये है कि कांग्रेस के बंद को चेंबर ऑफ कॉमर्स ने अपना समर्थन नहीं दिया। इस मुद्दे पर जनता ने भी कांग्रेस को पूर्ण समर्थन नहीं दिया शहर में कहीं बाजार बंद रहे तो कहीं खुले रहे इस दौरान कोंग्रेस नेताओं ने टोलियों में बंटकर रैलियां निकालीं और सरकार विरोधी नारे लगाए। लश्कर ग्वालियर और मुरार तीनों जगहों पर अलग अलग ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के नेतृत्व में जुलूस निकाले गए। इन जुलूसों में कांग्रेस कार्यकर्ता रेड़ा गाड़ी, बैलगाड़ी, दो पहिया वाहन, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों पर सवार होकर निकले और पेट्रोलियम मूल्य वृद्धि का विरोध जताया।

उधर महिला कार्यकर्ता भी शिंदे की छावनी में सड़कों पर उतरीं उन्होंने लोगों से अपनी दुकाने बंद कर समर्थन माँगा और जो दुकानें खुली मिलीं उन्होंने उसके शटर गिरवा दिए। इसी दौरान खुली मिली देसी कलारी ( शराब की दुकान ) में महिलायें घुस गईं और उसे बंद करने की मांग करने लगीं। अचानक पहुंची महिलाओं को देखकर शराब पी रहे लोग वहां से भाग खड़े हुए. इसके बाद कलारी संचालक ने कलारी को बंद कर दिया।


उधर इस बंद का असर सवारी वाहनों पर देखने को नहीं मिला। सामान्य दिनों की तरह सवारी वाहन टेम्पो, ऑटो चलते रहे और लोग अपने गंतव्य की तरफ आते जाते रहे। स्कूल, कॉलेज में अवकाश घोषित नहीं होने के कारण भी सड़कों पर सामान्य दिनों की तरह चहल पहल दिखाई दी। हालाँकि बंद को लेकर पुलिस ने पूरी सतर्कता रखी थी।लगभग 1000 की संख्या में पुलिस बल लगाया गया जिसमें पुरुष के साथ महिलाएं भी शामिल थी, 80 मोबाइल वैन पेट्रोलियम के लिए तैनात की गईं ,वहीं 30 जगह फिक्स पिकेट लगाए गए। बंद की विशेषता ये रही कि जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी कांग्रेसी बड़ी संख्या में समूह की शक्ल में रैलियां निकालते रहे और चौराहों, सड़कों से निकलते रहे और सभी जगह तैनात पुलिस भी उन्हें मूक दर्शक बनी देखती रही। 

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