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भाजपा स्थापना दिवस : कार्यकर्ताओं की बदौलत आईं 303 सीटें - सांसद शेजवलकर

Update: 2021-04-06 01:30 GMT

File Photo

स्वदेश वेब डेस्क। कृष्ण कृपा नई सड़क, यह वह स्थान है जो कांग्रेस से संघर्ष और आपातकाल की याद दिलाता है। आत्मीयता से परिपूर्ण इस घर से जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के न सिर्फ अनेक कार्यकर्ता दिए बल्कि जनसंघ, जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का उद्गम (स्थापना) स्थल भी इसे ही कहा जाता है। एक समय यहां देश के बड़े से बड़े नेता आकर रणनीति बनाने के साथ ही कार्यकर्ताओं को गढऩे के मंत्र सिखाया करते थे। यही कारण है कि इस स्थान की गरिमा आज भी वैसी ही है जैसी कि जनसंघ के समय थी। पूर्व सांसद एवं पूर्व महापौर स्व नारायणकृष्ण शेजवलकर के समय से ही इस स्थान पर कार्यकर्ता बिना किसी झिझक के अपनी बात कहने बड़े नेताओं तक पहुंच जाया करते थे। आज भी ठीक वही स्थिति है दो बार के महापौर मौजूदा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर भी सहज और मिलनसार भाव के कारण कार्यकर्ताओं के लिए सदैव उपलब्ध हैं। वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के समय से ही सक्रिय श्री शेजवलकर से स्वदेश ने भाजपा की 40 वर्षों की यात्रा के बारे में चर्चा की है।

श्री शेजवलकर कहते हैं कि भाजपा कार्यकर्ता को महत्व देने वाली पार्टी है। यही कारण है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उसने रिकॉर्ड 303 सीटें जीतकर लोकसभा में दो तिहाई बहुमत हासिल किया। ऐसा विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं की बदौलत ही संभव हो सका। उन्होंने कहा कि यदि हम बात वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों की करें तो उस समय भाजपा ने जो मत प्राप्त कर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाई उसके पीछे कांग्रेस के प्रति जनता का असंतोष रहा। क्योंकि आजादी के बाद से ही कांग्रेस ने सिर्फ गरीब एवं दलित तबके के मत हासिल किए किंतु उसके बाद शोषण और उत्पीडऩ के सिवा कुछ नहीं किया। इस तरह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं नरेंद्र मोदी की सरकारों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों का परिणाम यह रहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटें जीतकर भाजपा ने मिसाल कायम की। यह मत उपलब्धियों और विकास कार्यों के आधार पर मिले। क्योंकि भाजपा ने मतदाताओं से जो वायदे किए उसे निभाया और देश को विकास की ओर ले जाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों को हटाने के लिए पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने वर्ष 1951 में जनसंघ स्थापना की। जिसने वर्ष 1977 में अन्य विपक्षी दलों से मिलकर कांग्रेस को पराजित कर केंद्र में साझा सरकार बनाई। बाद में वर्ष 1980 में भाजपा की स्थापना हुई।

यह एक विचारधारा आधारित दल है जिसने अपनी विचारधारा पर कायम रहते हुए आम नागरिक को उसके अधिकार दिलाने के साथ ही अंत्योदय का कार्य किया।यह दल रणनीति जरूर बदल सकता है किंतु विचारधारा कभी नहीं। इसे जनता ने लगातार पसंद किया और अब यह पार्टी देश के अलावा कई राज्यों में अपनी सरकारें चला रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले डेढ़ साल में जो कार्य किए गए हैं वह आशा के अनुरूप हैं। इसी बीच कोरोना काल में भी उन्होंने जनता के हर सुख दुख में साथ दिया और देश को आत्मनिर्भर बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

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