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भीमा यादव मामले में दो दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली, नहीं लगा कोई सुराग

पुलिस अधिकारी पुलिसकर्मियों से पूछताछ में जुटे , एसपी ने किया 10 हजार का इनाम घोषित

Update: 2018-12-09 10:43 GMT

ग्वालियर। शुक्रवार की रात महाराजपुरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मणगढ़ पुलिया के पास पुलिसकर्मियों की आँख में मिर्ची झोंककर हत्या के आरोपी भीमा यादव को छुड़ाकर ले जाने वाले बदमाश दो दिन बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। हालाँकि पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पुलिस पार्टियां सर्चिंग में जुटीं हैं।

भोपाल से हत्या के मामले में भिंड पेशी पर आये बदमाश भीमा यादव को उसके भाई फौजी उर्फ जितेंद्र ने अपने साथियों के साथ फिल्मीं अंदाज में पुलिस कस्टडी से छुड़ा लिया और आसानी से भाग गए. बदमाशों ने प्रधान आरक्षक मायाराम, आरक्षक हाकिम खान,आरक्षक विवेक शर्मा की आँख में मिर्ची झोंकी और उनकी दो इंसास रायफल लूटी और फरार हो गए। जबकि मौके से एक अन्य आरक्षक प्रमोद यादव भाग गया और उसने बताया कि वो डर कर भाग गया था और भोपाल पहुंचकर जब साथियों से बात की तब ग्वालियर वापस आ गया। पुलिस ने जब प्रमोद से और पूछताछ की तो उसने अपने अपहरण की भी कहानी सुनाई कि बदमाश उसे अपने साथ गाड़ी में ले गए और रास्ते में गन पॉइंट पर लेकर भगा दिया और वो अपने साथियों के पास पहुंच गया। हालाँकि पुलिस को प्रमोद की कहानी पर शंका है। पुलिस ने अभी इस मामले में केवल एक स्कॉर्पियो बरामद की है

पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन के अनुसार अभी कुछ भी बताना संभव नहीं है। हमने बदमाशों के ऊपर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। उनके अनुसार ना तो प्रमोद ने कुछ अधिक बताया है और ना कोई नया इनपुट भीमा के बारे में हाथ लगा है। उन्होंने कहा कि पूछताछ जारी है टीमें लगातार सर्चिंग में लगी हैं विवेचना जारी है. यानि भीमा को छुड़ाने वाला क्या उसका भाई फौजी ही था ? क्या कोई पुलिसकर्मी इस षड्यंत्र में शामिल था ? क्या इसके लिए पुलिसकर्मियों को कोई रकम का लालच दिया गया या वाकई में किसी फिल्म के सीन के तहत सब कुछ हो गया। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो शहरवासियों और मीडिया के मन में उठ रहे हैं।

बताना जरूरी है कि भीमा से जुड़ी जानकारी देने में भी पुलिस का रवैया अजीब है। घटना के अगले दिन यानि गुरूवार को जब मीडिया ने डीआईजी मनोहर वर्मा , एसपी नवनीत भसीन और एडिशनल एसपी क्राइम पंकज पांडे से बात की थी तो सभी अधिकारियों ने आरक्षक प्रमोद यादव के अपहरण से साफ इंकार कर दिया था लेकिन बीती रात एसपी ने जो प्रेस नोट जारी किया है जिसमें 10000 रुपये की इनाम की बात है उसमें पुलिस ने प्रमोद यादव का अपहरण बदमाशों द्वारा करना बताया है। अर्थात अभी ये अंदाजा लगा पाना संभव नहीं है कि हकीकत क्या है। केवल एक सच है कि दो दिन बाद भी ग्वालियर पुलिस खाली हाथ है। उसके पास ये जानकारी नहीं है कि भीमा यादव कहाँ है।      

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