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गुलमोहर सिटी से पकड़ा पांच फुट का अजगर

वन कर्मचारियों की उपस्थिति में जौरासी के जंगल में सुरक्षित छोड़ा

Update: 2019-10-04 03:30 GMT

ग्वालियर। गुरुवार को दोपहर के समय कलेक्ट्रेट के पास स्थित गुलमोहर सिटी में लोगों ने लगभग पांच फुट लम्बे अजगर को विचरण करते हुए देखा तो हड़कंप मच गया। इसकी खबर मिलते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ को देख अजगर गुलमोहर सिटी के पावर हाउस में घुस गया। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने किसी भी प्रकार के सांप को पकडऩे में माहिर विवेक वर्मा को सूचित किया। सूचना मिलते ही विवेक वर्मा अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे और करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद अजगर को पकड़कर एक थैले में कैद कर लिया। इसी क्षेत्र से उन्होंने एक घोड़ा पछाड़ सांप को भी पकड़ा। दोनों सांपों को लेकर वह सिटी सेंटर स्थित मुख्य वन संरक्षक कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने मुख्य वन संरक्षक बी.एस. अग्निगेरी को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराने के साथ ही थैले से बाहर निकाल कर दोनों सांप दिखाए। इसके बाद वन कर्मियों के साथ एक वाहन से घाटीगांव क्षेत्र के अंतर्गत जौरासी के जंगल स्थित एक पहाड़ी पर दोनों सांपों को स्वच्छंद विचरण के लिए सुरक्षित छोड़ दिया। विवेक वर्मा का कहना है कि ग्वालियर में अजगर प्रजाति के सांप बहुत ही कम देखने को मिलते हैं।

अब तक पकड़ चुके हैं डेढ़ सैकड़ा से ज्यादा सांप

किलागेट निवासी विवेक वर्मा घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों, कार्यालयों में निकलने वाले सांपों को पकडऩे का काम पिछले करीब तीन साल से करते आ रहे हैं। अब तक वह तीन अजगर सहित विभिन्न प्रजाति के डेढ़ सैकड़ा से अधिक सांपों को पकड़ चुके हैं। वह सांपों को पकडऩे के बाद कम से कम समय में जंगल में सुरक्षित छोड़ दते हैं। विवेक बताते हैं कि बचपन से ही वन्यजीवों के प्रति उनकी रुचि थी। उन्होंने कई बार देखा कि घरों या अन्य रहवासी क्षेत्रों में निकलने वाले सांपों को लोग मार देते हैं, इसलिए उनके मन में विचार आया कि यदि घरों में निकलने वाले सांपों को सुरक्षित पकड़ा जाए तो इस प्रकार कई सांपों की जान बचाई जा सकती है। इसी भाव से चिडिय़ाघर में कार्यरत प्रवीण सिंह राठौर के साथ रहकर उन्होंने सांप एवं अन्य वन्यजीवों को सुरक्षित पकडऩे का प्रशिक्षण प्राप्त किया। विवेक का कहना है कि उनका मोबाइल नम्बर 7697271464 है। घर में सांप या अन्य कोई जीव निकलने पर कोई भी फोन करके उनकी मदद ले सकता है। आधी रात में भी फोन आने पर वह तुरंत मौके पर पहुंच जाते हैं। उनका कहना है कि उनके लिए इस प्रकार का हर कॉल खतरे से भरा होता है क्योंकि सांप को पकडऩे के लिए जीवन को खतरे में डालना पड़ता है, लेकिन उनकी प्राथमिकता सांप या अन्य वन्यजीव को पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोडऩा होती है। विवेक ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान कई बार सांप उन्हें काट भी लेता है, इसलिए प्राथमिक उपचार के लिए वह जरूरी दवाइयां अपने साथ रखते हैं।

मुख्य वन संरक्षक ने दिया सहयोग का भरोसा

मुख्य वन संरक्षक बी.एस. अग्निगेरी ने विवेक वर्मा के इस कार्य की सराहना करते हुए उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। श्री अग्निगेरी ने अजगर को सुरक्षित पकडऩे के लिए विवेक वर्मा को पुरस्कार स्वरूप 500 रुपए दिए, साथ ही सांप को पकडऩे के लिए उपयोग में आने वाले उपकरण एवं बाइट प्रूफ ग्लब्स उपलबध कराने के लिए उप वन मंडल अधिकारी को निर्देश दिए। जल्दी ही उन्हें उक्त उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। 

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