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रात तीन बजे सभी जिलाधिकारियों को जगाया तब हुए शांतिपूर्ण चुनाव

संभागायुक्त पद पर बीएम शर्मा को हुआ एक साल पूरा

Update: 2018-12-05 08:28 GMT

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी बी.एम. शर्मा को ग्वालियर का संभाग आयुक्त बने एक साल पूर्ण हो गया है। वे 4 दिसम्बर 2017 को शहडोल से यहां आए थे। एक साल के कार्यकाल में उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि पांच जिलों में निर्विघ्न और शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव कराना रहा।

स्वदेश से विशेष चर्चा करते हुए संभाग आयुक्त श्री शर्मा ने बताया कि ग्वालियर संभाग में पांच जिले ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर एवं दतिया उनके दायरे में आते हैं। इन जिलों में विधानसभा चुनाव कराना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। इसके लिए समय-समय पर उन्होंने पांचों जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी मतदाता मतदान से न चूके। इसके लिए प्रचार-प्रसार किया जाए। यही कारण रहा कि पांचों जिलों में मतदान का प्रतिशत पिछली बार की तुलना में काफी अच्छा रहा। उन्होंने कहा कि निर्विघ्न और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए उन्होंने पांचों जिलों के जिलाधिकारियों की न सिर्फ बार-बार बैठक ली बल्कि टेलीफोन पर भी यह निर्देश दिए कि किसी भी शिकायत की अनदेखी न करें और मोबाइल सभी का उठाएं। इससे आमजनों और पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्वाचन अधिकारी पर पूरा भरोसा रहेगा कि वह सबकी बात सुन रहे हैं। उनसे कहा गया कि चुनाव के दौरान किसी भी तरह की शिकायत आए तो उसे जरूर सुनें और मौके पर जाकर उसका तुरंत निराकरण भी करें।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 28 नवम्बर को मतदान के पूर्व रात्रि तीन बजे पांचों जिलों के जिलाधिकारियों को फोन लगाया तो इन सभी के मोबाइल एक-एक बार में ही उठ गया। इससे मुझे विश्वास हो गया कि सभी जिलाधिकारी पूरी तरह से सतर्क हैं और दिन-रात एक कर शांतिपूर्ण चुनाव कराना चाहते हैं। इस तरह विधानसभा चुनाव पूरी व्यवस्थाओं के बीच अच्छी तरह से निबट गए। ईवीएम में गड़बड़ी और देर से पहुंचने के सवाल पर श्री शर्मा ने कहा कि यह छोटी-मोटी तकनीकी खामियां हैं, जो कहीं भी हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि एक साल के कार्यकाल में उन्होंने सरकार के राजस्व में अच्छी बढ़ोत्तरी की है। उन्होंने कहा कि यहां सभी लोगों से उनका अच्छा तालमेल रहा, इसीलिए अभी तक संभाग आयुक्त रहते उन्हें कोई तकलीफ नहीं हुई।

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