भोपाल: सरकार की लापरवाही के लिए फिर खर्च होगा जनता का पैसा, राजधानी में बना 90° मोड़ वाला ओवरब्रिज होगा रिडिजाइन…

Update: 2025-06-18 09:39 GMT

भोपाल: अद्भुत कारीगिरी का अनोखा नमूना पेश करते हुए बना भोपाल के ऐशबाग इलाके का 90° टर्न वाला ओवरब्रिज आखिरकार अब रिडिजाइन होने जा रहा है। मध्‍यप्रदेश की राजधानी में 18 करोड़ की लागत से बना 648 मीटर लंबा और 8.5 मीटर चौड़ा यह ब्रिज, 90° के खतरनाक मोड़ के कारण सोशल मीडिया पर लगातार चर्चाओं का विषय रहा है।

ब्रिज पर बने “मौत के मोड़” की तस्‍वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल हुईं और इसे देखकर लोगों ने कहा कि इस मोड़ पर गाड़ियाँ दुर्घटना का शिकार हो सकती हैं, तब सरकार को समझ आया कि इस ब्रिज को बनाने में कहीं ना कहीं तो कमी रह गई है।

सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल होने के बाद सोमवार को PWD स्रोतों ने पुष्टि की कि रेल विभाग ने अतिरिक्त जमीन उपलब्ध कराने पर सहमति दे दी है, ताकि इस अजीबोगरीब टर्न को और घुमावदार बनाया जा सके। 

क्या था मामला?

भोपाल के ऐशबाग इलाके में 18 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे ओवरब्रिज में एक सेक्शन पर सीधा 90° का मोड़ था, यहां से निकलते हुए वाहन चालकों को अचानक तेज मोड़ लेना पड़ता, जिससे दुर्घटना की संभावना काफी ज्‍यादा होती। जब सोशल मीडिया पर इस ब्रिज के फोटो वायरल हुए तो नागरिकों ने दुख जताया कि यह मोड़ दुर्घटना संभावित ‘एक्सिडेंट ज़ोन’ बन गया है।

90° के तीखा मोड़ की तस्‍वीरें देखकर साफ समझ में आता है कि इस ब्रिज को बनाने में  इंजीनियरों और अधिकारियों ने कितनी लापरवाही बरती होगी। जब सोशल मीडिया पर यह लापरवाही ट्रोल हुई तो, सरकार को इस पर जवाब देना पड़ा और बाद में PWD मंत्री राकेश सिंह ने इसकी जांच के आदेश दिए। 

अब क्या होगा बदलाव?

जांच के बाद अधिकारियों ने पाया कि यह ब्रिज लोंगो के लिए जान का खतरा बन सकता है, पहले अधिकारियों ने कहा था कि पास में मेट्रो स्टेशन और सीमित जमीन के कारण अन्य विकल्प नहीं थे लेकिन अब कहा जा रहा है कि रेलवे ने पास में स्थित सरकारी जमीन प्रदान करने पर हामी भरी है और अब इस ब्रिज को रिडाजइन किया जाएगा।

चौड़ाई में 3 फीट वृद्धि: नए डिज़ाइन से ब्रिज की चौड़ाई तकरीबन 11.5 मीटर हो जाएगी, जो वाहन चालकों को आसान मोड़ लेने की अधिक जगह देगी।

सवाल

18 करोड़ की लागत से बना, 90° मोड़ वाला यह ओवरब्रिज अब भले ही अब रिडिजाइन किया जाएगा लेकिन इसके निमार्ण की कहानी सरकार पर कई सवाल खड़े कर रही है।

- क्‍या ब्रिज निर्माण के समय अधिकारियों को यह नहीं पता था कि 90° मोड़ वाला यह ब्रिज लोंगो की जान के लिए खतरा बन सकता है?

- इतनी बड़ी लापरवाही के लिए कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या उन अधिकारियों पर कार्रवाही की जाएगी, जिन्‍होंने यह ब्रिज बनाया?

- ओबरब्रिज रिडिजाइन में जो पैसे खर्च होंगे क्‍या वह PWD मंत्री और अधिकारीओं से जेब से खर्च होंगे? 

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