अब 10 जून तक हो सकेंगे तबादले: प्रभारी मंत्री कर सकेंगे जिले के भीतर शिक्षकों के तबादले
भोपाल। प्रदेश सरकार ने तबादला नीति की अवधि 31 मई से बढ़ाकर 10 जून कर दी है। साथ ही राज्य शासन ने शिक्षकों के तबादलों को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब जिले के भीतर तबादलों के अधिकार शिक्षा मंत्री से छीनकर प्रभारी मंत्रियों को सौंप दिए हैं।
हालांकि जिले के बाहर शिक्षकों के तबादले विभागीय मंत्री की अनुशंसा से ही होंगे। मंगलवार को मंत्री परिषद की बैठक के बाद अनौपचारिक बैठक में यह फैसला लिया गया है। मंत्रियों ने तबादला नीति की अवधि बढ़ाने की मांग की थी।
मंत्री परिषद के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदयप्रताप सिंह से अलग से चर्चा की। बताया गया कि इसी दौरान शिक्षकों के तबादलों में आ रही परेशानी को लेकर चर्चा हुई। ऐसे में फैसला लिया गया कि जिले के भीतर शिक्षकों के तबादले प्रभारी मंत्रियों की अनुशंसा से ही होंगे। अभी तक सबसे ज्यादा आवेदन शिक्षकों के तबादलों के लिए आए हैं।
जिस वजह से प्रदेश भर से शिक्षक भोपाल पहुंचकर शिक्षा मंत्री के बंगले और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। शिक्षकों की परेशानी का मामला अन्य मंत्रियों के माध्यम से मुख्यमंत्री के पास पहुंचा। इसके बाद इसमें बदलाव किया गया है।
अभी तक शिक्षकों की तबादला नीति 2022 के आधार पर शिक्षकों के तबादले शिक्षा मंत्री के अनुमोदन से होने थे, लोक शिक्षण संचालनालय और मंत्री कार्यालय तबादला सूची तैयार करने में जुटे थे। इस बीच शिक्षा मंत्री से जिले के भीतर शिक्षकों के तबादलों के अधिकार छीन लिए गए हैं।
बताया गया कि मंत्री बंगले के कुछ कर्मचारियों की शिकायत भी मंत्रालय की पांचवी मंजिल तक पहुंची है।
परिवीक्षा अवधि वाले शिक्षकों के नहीं होंगे तबादले
स्कूल शिक्षा विभाग ने परिवीक्षा अवधि पूरी होने से पहले ही शिक्षकों के तबादले की तैयारी कर ली थी। बताया गया कि मंत्री कार्यालय ने ऐसे शिक्षकों की सूची भी तैयार कर ली थी, लेकिन शिक्षा सचिव ने नियमों का हवाला देकर तबादले से इंकार कर दिया था। मंत्री परिषद के बाद शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों के तबादलों को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की।
आखिर में निर्णय हुआ कि तबादले नियमों से ही होंगे। ऐसे में अब परिवीक्षा अवधि वाले शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे।