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भाजपा गढ़ बचाने,कांग्रेस छीनने के प्रयास में जुटी

Update: 2019-03-31 17:38 GMT

भोपाल। देश के किसी भी राज्य में चुनाव की गणित कुछ भी हो, मध्यप्रदेश में तो हार जीत का फैसला लहर ही करती है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर के कारण भाजपा ने 54 प्रतिशत मत लेकर 27 सीटें जीत ली थीं, जबकि कांग्रेस को 34 प्रतिशत मत मिले। इसके बावजूद वह केवल 2 सीट ही जीत पायी।

बाद में भाजपा सांसद दिलीप सिंह भूरिया के निधन से रिक्त हुई मध्यप्रदेश की झाबुआ सीट उपचुनाव में कांग्रेस ने जीती थी। ये सीट पहले मोदी लहर में भाजपा ने जीती थी। इस वजह से कांग्रेस की प्रदेश में तीन सीट हो गयीं। इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 प्रतिशत और भाजपा को 43 प्रतिशत मत मिले थे। कांग्रेस से तीन प्रतिशत मत ज्यादा मिलने के बाद भी भाजपा ने 16 सीटें जीती और कांग्रेस के हिस्से में 12 सीट आयी थीं। यानी जब भी मत प्रतिशत दो से तीन प्रतिशत इधर से उधर हुआ तो हार जीत में ज्यादा अंतर नहीं आया। हाल के विधानसभा चुनाव में हार-जीत के कुछ इसी तरह के समीकरण सामने आए थे।

बीते कई चुनावों से भाजपा ने कांग्रेस के मुकाबले में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा और ज्यादा सीटें जीत लीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मोदी लहर के कारण भाजपा 27 सीटें जीतने में सफल रही थीए लेकिन अब चुनाव में मोदी लहर का असर कम है। विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने 114 सीटें जीतकर सरकार बनाई, वहीं भाजपा 109 सीट ही जीत सकी, जबकि दोनों ही पार्टियों का मत प्रतिशत एक-दूसरे के आसपास ही था।

इस बार मोदी लहर नहीं है। अधिकांश सीटों पर कांटे का मुकाबला होने की संभावना है। कहीं-कहीं मौजूदा सांसदों का विरोध भी है। मुरैना, भिंड, ग्वालियर, सागर, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, होशंगाबाद, राजगढ़, देवास, उज्जैन, मंदसौर, धार, खरगोन, खंडवा और बैतूल सीट पर भाजपा का कब्जा है और वह इसे बरकार रखने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी हुई है, तो दूसरी ओर कांग्रेस अपने गुना, छिंदवाड़ा और रतलाम-झाबुआ के गढ़ों को बचाते हुए भाजपा की सीटों पर सेंध लगाने की रणनीति बना रही है।

पिछले पांच लोकसभा चुनावों के आंकड़े

2014 लोकसभा चुनाव

भाजपा - 27 सीट (54 प्रतिशत मत)

कांग्रेस - 02 सीट (34 प्रतिशत मत)

2009 लोकसभा चुनाव

भाजपा - 16 (43 प्रतिशत मत)

कांग्रेस - 12 (40 प्रतिशत मत)

2004 लोकसभा चुनाव

भाजपा - 25 (48 प्रतिशत मत)

कांग्रेस - 04 (34 प्रतिशत मत)

1999 लोकसभा चुनाव

भाजपा - 29 (46 प्रतिशत मत)

कांग्रेस - 11 (44 प्रतिशत मत)

1998 लोकसभा चुनाव

भाजपा - 30 (45 प्रतिशत मत)

कांग्रेस - 10 (39 प्रतिशत मत)

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