मध्य प्रदेश में किसान मुद्दों पर कांग्रेस का हमला: भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए
पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने प्रेस ब्रीफिंग में आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नीतियों से मध्य प्रदेश के किसान लागत, MSP, बीमा और मंडी व्यवस्था पर संकट में हैं
भोपाल। पूर्व कृषि मंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने मध्य प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि मौजूदा भाजपा शासन में किसानों को लागत, बाज़ार, बीमा और मंडी व्यवस्था – चारों स्तर पर अपेक्षित सुरक्षा और समर्थन नहीं मिल रहा है। प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने इसे “नीतिगत विफलता” बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई कई योजनाओं को या तो कमजोर किया गया या जारी नहीं रखा गया।
कमलनाथ सरकार के फैसलों को गिनाया
यादव ने दावा किया कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान जय किसान ऋण मुक्ति योजना के तहत 2 लाख रुपए तक के फसल ऋण माफ किए . 10 HP तक की कृषि बिजली पर आधे बिल की व्यवस्था लागू थी, प्याज किसानों के लिए मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना चलाई गई और नकली खाद-बीज के खिलाफ शुद्ध के लिए युद्ध अभियान और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी बढ़ाई गई ।
भाजपा के वादों और मौजूदा स्थिति पर सवाल
कांग्रेस नेता ने भाजपा के चुनावी वादों का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी ने किसानों को रोजाना 10 घंटे सिंचाई बिजली, सोयाबीन की MSP पर नियमित खरीदी और गेहूं-धान के लिए 2700 और 3100 प्रति क्विंटल तक कीमत दिलाने का वादा किया था। सोयाबीन, मक्का, कपास व प्याज जैसी फसलों पर किसानों को MSP या लागत से ऊपर भाव नहीं मिल पा रहा। उन्होंने प्याज और केले के उत्पादकों के लिए स्थायी सपोर्ट मैकेनिज्म और प्रभावी फसल बीमा कवरेज की कमी की भी बात की ।
खाद, बीमा और मंडी बोर्ड का मुद्दा
सचिन यादव ने कहा कि खाद वितरण में खामियों की वजह से किसानों को लाइनें और अफरातफरी झेलनी पड़ती है , फसल बीमा में प्रीमियम के मुकाबले भुगतान कम होने से किसानों में असंतोष है, मंडी बोर्ड पर लगभग 1700 करोड़ की देनदारी और 1500 करोड़ के प्रस्तावित कर्ज को लेकर कर्मचारियों और संगठनों ने आपत्ति दर्ज की है। उनका आरोप है कि मंडी सचिवों की कमी और वित्तीय दबाव से मंडी व्यवस्था कमजोर हो रही है, जिसका असर सीधे किसानों की उपज बिक्री पर पड़ता है। कांग्रेस ने कहा कि वह किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर सड़क और सदन दोनों स्तर पर अभियान चलाएगी ।