MP कैबिनेट के बड़े फैसले, कर्मचारियों की 7 कैटेगरी हुई खत्म, वेतनभोगियों का क्या होगा?
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार की मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग हुई। इसमें कर्मचारियों से जुड़ा महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।
भोपालः मध्य प्रदेश की मोहन कैबिनेट की मंगलवार को मीटिंग आयोजित हुई। इसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं। सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में वंदे मातरम के गान के साथ मीटिंग की शुरूआत हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इसमें डूब प्रभावित क्षेत्र के लिए फंड, कर्मचारियों और मेट्रो रेल से जुड़े फैसले शामिल हैं।
दरअसल, एमपी सरकार ने अस्थाई पदों को स्थायी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। इसके चलते कर्मचारियों की 7 कैटेगरी (दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन, कार्यभारित, स्थायीकर्मी सहित अन्य) समाप्त कर दी हैं। अब सिर्फ तीन कैटेगरी रहेंगी। इसमें नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं।
सरकार का स्पष्ट रूख
मंगलवार के दिन हुई कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने साफ कर दिया है कि अब स्थायी और अस्थायी कैटेगरी नहीं रहेगी। इसकी वजह है कि इनकी सेवा शर्तें, वेतन और पेंशन समान हैं।
डूब प्रभावित क्षेत्रों के लिए स्पेशल पैकेज
इस मीटिंग में डूब प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1782 करोड़ रुपए का स्पेशल पैकेज स्वीकृत किया गया है। परियोजनाओं के डूब प्रभावितों के लिए डीपीआर में प्रावधानित 1656 करोड़ 2 लाख रुपए के अतिरिक्त 1,782 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है।
अनुसूचित जाति और जनजाति परिवार को एक्स्ट्रा मुआवजा
प्रदेश में 5,512 करोड़ 11 लाख की लागत से अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजना संचालित की जाएगी। इससे इससे 71 हजार 967 हेक्टेयर की सिंचाई सुविधा और 125 मेगावाट विदयुत उत्पादन होगा। इन तीनों परियोजनाओं से कुल 13 हजार 873 परिवार प्रभावित होंगे, जिन्हें विशेष पैकेज अनुसार निर्धारित मुआवजा प्रति परिवार 12.50 लाख रूपये दिया जायेगा। इसके अलावा 50 हजार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति परिवारों को अतिरिक्त राशि मुआवजा के रूप में देय होगा।
मेट्रो रेल परियोजना के लिए 90.67 करोड़
कैबिनेट मीटिंग में इंदौर और भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार ने 90 करोड़ 67 लाख रुपये के बजट की स्वीकृति प्रदान की गई। इस राशि से मेट्रो संचालन में होने वाले खर्च की व्यवस्था की जाएगी। प्रस्ताव नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रस्तुत किया।
773 करोड़ से बनेगा इंदौर के एमवाय अस्पताल का भवन
मंत्रालय में कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंत्रिमंडल के सदस्यों को बताया कि इंदौर के एमवाय अस्पताल का नवनिर्माण 773 करोड़ रुपए से किया जा रहा है। यह 1450 बिस्तर का होगा, इससे कई कठिनाईयों से राहत मिलेगी। अस्पताल के साथ नर्सिंग हॉस्टल, ऑडिटोरियम का भी निर्माण होगा।
इसके अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण फैसलों पर निर्णय लिया गया। देखिए एक नजर में-
-वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक राज्य में 6 वन विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए 48 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई।
- इसकी मदद से वन क्षेत्र के बाहर वानिकी विस्तार गतिविधियों को बढ़ाने, वन भूमि की उत्पादकता बढ़ाने, काष्ठ के विदोहन से अतिरिक्त आय के साधन के लिए जागरूकता बढ़ाने, वृक्ष खेती को बढ़ावा देने और कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन विज्ञान केंद्र की स्थापना की जा रही है।
-जल संसाधन विभाग में रिटायर्ड एसडीओ वीके रावत से देय पेंशन राशि की वसूली से संबंधित प्रस्ताव मंजूर।
-2025-26 के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना में विभाग में 10 लाख या उससे अधिक लागत राशि के कार्य स्वीकृत किए जाने की अनुमति प्रदान की गई। स्वीकृति अनुसार 693 करोड़ 76 लाख रूपये की लागत के लगभग 3810 कार्य पूर्ण किए जा सकेंगे।
-खनिज साधन विभाग के प्रस्ताव पर संचालनालय की स्थापना और खनिजों के सर्वेक्षण की स्थापना जैसी खनिज योजनाओं को वर्ष 2026-27 से 2030-31 तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा को मंजूरी।