प्रदेश में सस्ती होगी बिजली, इथेनाॅल प्लांट के लिए नई नीति पर निर्णय

Update: 2021-06-15 14:04 GMT

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में  बिजली कंपनियों को सब्सिडी देने के फैसले पर मुहर लग गई।  इसके अलावा धान से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया।  

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट मीटिंग में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया की कोरोना की दूसरी लहर में आर्थिक तंगी से जूझ रहे प्रदेश के 6 लाख पथ विक्रेता बंधुओं को दी गई एक-एक हजार रु.की आर्थिक सहायता के लिए आज कैबिनेट ने 60 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर दी है। आपदाकाल में सरकार की ये योजनाएं गरीब और जरूरतमंदों के लिए संजीवनी साबित हुईं।

बिजली में सब्सिडी - 

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग के आदेश 17 दिसम्बर 2020 द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये निर्धारित दरों में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं के लिये गृह ज्योति योजना में स्वीकृत सब्सिडी के अतिरिक्त विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों को दी गयी सब्सिडी के एवज में विद्युत वितरण कंपनियों को सब्सिडी देने के निर्णय का अनुमोदन किया गया।

धान उद्योग में बढ़ावा - 

खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में प्रदेश में किसानों से उपार्जित 37 लाख 26 हजार मी.टन धान की मिलिंग के लिए राज्य में मिलिंग की गति में तेजी लाने के लिए तथा इस वर्ष की विशेष परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में मिलिंग की मान्य दर 50 रूपये प्रति क्विंटल के साथ अपग्रेडेशन राशि मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम को चावल परिदान के विभिन्न विकल्पों अनुसार केवल खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 मिलिंग के लिए 50 रूपये से 200 रूपये प्रति क्विंटल तक देने का निर्णय लिया गया। सीमावर्ती राज्य के जिलों से भी इच्छुक मिलर्स से उक्त शर्तों पर मिलिंग कराने का निर्णय लिया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि निजी क्षेत्र में धान के उद्योग लगाने तथा इथेनाल बनाने के निति निर्धारित की जाएगी।  



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