मप्र उच्च न्यायालय को मिले 3 नए न्यायाधीश: न्यायाधीशों की संख्या 35 पहुंची, फिर भी 18 पद खाली
भोपाल। मप्र उच्च न्यायालय को 3 नए न्यायाधीश मिल गए हैं। राष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से प्रस्तावित नामों पर चर्चा के बाद 3 वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक खोत, अमित सेठ और पवन कुमार द्विवेदी को मप्र उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किया है।
इसी के साथ मप्र उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश समेत न्यायाधीशों की संख्या 35 हो जाएगी। हालांकि इसके बावजूद भी न्यायाधीशों के 18 पद खाली रह जाएंगे।
वर्तमान में मप्र उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के कुल 53 पद हैं। जिनमें से वर्तमान में 32 भरे हैं। इनमें से साल के आखिरी तक 5 न्यायाधीश सेवानिवृत्ति हो जाएंगे। 2 न्यायाधीश जून, 2 अगस्त और एक दिसंबर महीने में सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में उच्च न्यायलय में न्यायाधीशों की संख्या 30 पर समिट जाएगी।
लगातार बढ़ रही लंबित प्रकरणों की संख्या
मप्र उच्च न्यायालय में मार्च 2025 अंत में कुल लंबित प्रकरणों की संख्या 4,71,368 है। जो माह अगस्त 2024 में 4,55,272 थी। 9 महीने में लंबित प्रकरणों की संख्या 16096 बढ़ गई। लंबित प्रकरणों में सबसे ज्यादा 279804 प्रकरण सिविल हैं, जबकि 191162 प्रकरण अपराधिक हैं।
उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरणों की बढ़ती संख्या का प्रमुख कारण न्यायाधीशों की कमी होना है। न्यायालय अपने स्वीकृत पदों की आधी संख्या में पदस्थ जजों द्वारा न्यायदान की प्रक्रिया सम्पन्न कर रहा है जिस कारण प्रकरणों की सुनवाई समय से नहीं हो पा रही है व लंबित प्रकरणों की संख्या तीव्र गति से निरंतर ही बढ़ती जा रही है।