करणी सेना का आंदोलन खत्म, सरकार ने मानी 21 में से 18 मांगें

गृहमंत्री मिश्रा ने कहा- वे हमारे अपने मना लेंगे

Update: 2023-01-11 14:16 GMT

भोपाल। आर्थिक आधार पर आरक्षण समेत 21 सूत्रीय मांगों को लेकर भोपाल के बीएचईएल क्षेत्र में चार दिनों से चल रहा करणी सेना परिवार का आंदोलन बुधवार देर शाम सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। करणी सेना परिवार के ज्ञापन में शामिल 21 मांगों में से 18 मांगों पर विचार के लिए तीन अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस को अध्यक्ष बनाया गया है। कमेटी में स्कूल शिक्षा विभाग और सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन विभाग के पीएस को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी दो महीने में इन 18 मांगों पर अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी के गठन का आदेश भी जारी हो गया है।

अन्य संगठनों के समर्थन से यहां भीड़ बढ़ गई। ऐसे में महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी तिराहे तक रास्ता बंद है। इससे अवधपुरी और आसपास की 2 लाख की आबादी परेशान थे। उन्हें डायवर्टेड रूट से लंबा चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3000 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात थे। बुधवार देर शाम मंत्री भदौरिया प्रदर्शन स्थल पहुंचे और करणी सेना प्रमुख से चर्चा कर उनका अनशन खत्म कराया। इसके बाद करणी सेना परिवार ने अपने आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की। 

इन मांगों पर नहीं हुई कोई बात

हालांकि, इस दौरान करणी सेना की कुछ मांगों पर कोई बात नहीं हुई। मसलन- आरक्षण का आधार आर्थिक किया जाए, ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके। एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए। एससीएसटी एक्ट में बिना जाँच के गिरफ्तारी पर रोक लगे, ताकि कोई भी निर्दोष व्यक्ति बिना अपराध के सजा न काटे। एससीएसटी एक्ट की तर्ज पर सामान्य-पिछड़ा एक्ट बने जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता प्रदान करे और खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को जीएसटी से मुक्त किया जाए तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए। दरअसल, ये चारों केन्द्र के अधीन मामले हैं। चार दिनों से लगातार वार्ता विफल होने के पीछे की वजह ही ये चारों मांगें थीं। ये सभी मामले केन्द्र सरकार के अधीन हैं। आज राज्य सरकार के अधीन 18 मांगों पर अपनी राय देने के लिए सरकार ने कमेटी बनाई है।

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