बारिश में भीगी फसल पर राजनीति शुरू,कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर लगाए आरोप

Update: 2020-06-05 10:34 GMT

 भोपाल।निसर्ग तूफ़ान की के कारण पिछले दो दिनों से प्रदेश के जिलों में हो रही तेज बारिश से उपार्जन केंद्रों के बाहर रखी गेहूं एवं चने की फसल भीगने से खराब हो गई है।  बारिश में फसलों के भीगने को लेकर राज्य में नई सियासत शुरू हो गई है।पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकारी अव्यवस्थाओं के कारण प्रदेश में लाखों रूपए का गेहूं भीगने का आरोप लगाया  है। हालांकि सीएम चौहान पहले ही कह चुके है की वह किसी भी किसान का नुकसान नहीं होने देंगे।  

सरकारी अव्यवस्था के कारण खुले में पड़ा लाखों टन गेहूं भीगा : कमलनाथ

सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा की शिवराज जी आप समर्थन मूल्य पर गेहूँ ख़रीदी के भले बड़े-बड़े दावे करे , ख़ूब आँकड़े जारी करे लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है। आज किसान भाइयों को अपनी उपज बेचने के लिये काफ़ी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है।उपार्जन केंद्रो पर कही बारदान की कमी है,कही तुलाई की व्यवस्था नहीं है,कई परिवहन नहीं होने से काम बंद पड़ा है ,किसानो को एसएमएस भेजकर बुलाया लिया जाता है। कई- कई दिन तक भीषण गर्मी व लू में अपनी उपज बेचने के लिये भूखा-प्यासा किसान कई किलोमीटर तक लंबी लाइन में लगा हुआ है,उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।पिछले दिनो आगर - मालवा में मलवासा के एक किसान प्रेम सिंह की इसी परेशानियो व अव्यवस्थाओं से दुखद मौत हो गयी थी।कल देवास के उपार्जन केंद्र में फसल तुलाई के लिए लाईन में लगे एक और किसान की दुखद मौत हो गयी है।जिले के टौंकखुर्द के अमोना गाँव निवासी किसान जयराम मंडलोई अपनी फसल लेकर तुलाई के इंतज़ार में भीषण गर्मी में लाइन लगे थे।ख़रीदी की अव्यवस्थाओं से, भीषण गर्मी में तनाव में किसान की जान चली गयी। ऐसे ही कई किसान निरंतर परेशानियो का सामना कर रहे है ,अपनी उपज बेचने के लिये निरंतर भटक रहे है , तनाव झेल रहे है।सरकार सिर्फ़ झूठे दावे में लगी हुई है , ज़मीनी धरातल पर स्थिति विपरीत है।सरकार इस मृत किसान के परिवार की हरसंभव मदद करे व इस किसान की मौत के ज़िम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।




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