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मप्र में सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेन्स परियोजनाओं को मिलेगा बढ़ावा

Update: 2021-02-02 14:16 GMT

भोपाल।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें कार्यसुविधा की दृष्टि से मैप आई.टी. का विघटन कर मैप आई.टी. की समस्त आस्तियों एवं देयताओंको हस्तांरित करने का निर्णय लिया गया। एम.पी.एस.ई.डी.सी.द्वारा ई-गवर्नेन्स व सूचना प्रौद्योगिकी परियोजनाओं का क्रियान्वयन, अधोसंरचनाओं का विकास एवं प्रदेश में आई.टी. निवेश को आकर्षित करने के लिए और अधिक कुशलता एवं दक्षता के साथ प्रदेश में दायित्वों का निर्वहन किया जायेगा। 

मंत्रि-परिषद ने लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आदेश जारी होने की दिनांक से 31 दिसम्बर .2021 तक निष्पादित होने वाले सभी निर्माण के अनुबंधों में परफार्मेंस गारंटी की राशि 5 प्रतिशत से घटा कर 3 प्रतिशत के मान से प्राप्त करने की स्वीकृति दी। प्रदेश के अन्य विभागों के नए अनुबंधों के निष्पादन मे इस छूट व राहत को यथास्वरूप लागू करने के लिए विभाग को 31.12.2021 तक अधिकृत किया गया है। इस निर्णय से प्रदेश में निर्माण कार्यो के लिए निजी क्षेत्र के पास अधिक राशि उपलब्ध होगी, जिससे कार्यों में गति आएगी।

शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर निर्णय का अनुमोदन

मंत्रि-परिषद ने सहकारी बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण दिये जाने की योजना की शर्ते एवं डयू डेट वृद्वि के संबंध में समय-समय पर समन्वय में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये आदेशों एवं तदनुसार की गयी कार्यवाही का अनुमोदन किया।

15 करोड़ ऋण राशि देने का निर्णय

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में दुग्ध संघों की कार्यशील पूंजी की समस्या को दूर करने के लिए एमपीसीडीएफ को म.प्र. मूल्य स्थिरीकरण कोष से 15 करोड़ रूपये की राशि का ऋण उपलब्ध करने का निर्णय लिया। इस पर दुग्ध संघों/एमपीसीडीएफ द्वारा 3.5 प्रतिशत वार्षिक दर पर ब्याज देय अनुसार ब्याज सहित संपूर्ण ऋण राशि 31 मार्च 2021 तक म.प्र. मूल्य स्थिरीकरण कोष को वापस की जाएगी।

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