पैदल वापसी कर रहे श्रमिकों के लिए सरकार चलाएगी बस

भोजन, पेयजल, चिकित्सा के साथ बसों से आगे भेजा जायेगा

Update: 2020-05-12 11:53 GMT

भोपाल।  कोरोना संक्रमण की वजह से घोषित लॉकडाउन की वजह से फंसे मजदूर कोई साधन ना मिलने की स्थिति में पैदल ही अपने घरों की ओर वापसी कर रहें है। प्रदेश सरकार ने विभिन्न राज्यों से ऐसे ही पैदल चलकर वापिस आ रहें मजदूरो को राज्य के सीमावर्ती जिलों में  अस्थाई ठहरने, भोजन, पेयजल, प्राथमिक उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था की है।  साथ ही उन्हें बसों द्वारा उनके जिलों तक पहुँचाने एवं अन्य राज्यो के मजदूरों को राज्य की सीमा तक छुड़वाने के लिये 375 अतिरिक्त बसो की व्यवस्था की गई है। इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए प्रशासन ने सीमावर्ती जिलों में ट्रांजिट पाइंट बनाये गये है, जहाँ से स्थानीय प्रशासन के सहयोग से श्रमिकों को सकुशल उनके घर पहुँचाया जाएगा।

सरकार द्वारा तैयार किये गई योजना के तहत सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए है की ट्रांजिट पाइंट पर आराम करने के लिये छाया, भोजन, चाय-पानी तथा फस्ट-ऐड एवं आवश्यक दवाईयाँ भी रखी जायें। इन ट्रांजिट पाइंट पर कुछ वाहन भी रखे जायें, जिससे श्रमिकों की अदला-बदली होकर उन्हें आगे प्रदेश की सीमा पर पहुँचाने की व्यवस्था हो सके। साथ ही मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए सबसे ज्यादा बसें सेंधवा से देवास के लिए चलेंगी। इसके बाद देवास से गुना, सागर होते हुए दिनारा के लिए बस चलेंगी। इसके अलावा मुरैना, दतिया, ग्वालियर, झांसी, देवास से होते हुए दौलतपुर से सागर तक भी बसें चलाई जाएँगी। इसी प्रकार सागर से होते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा महोबा तक बस चलाई जाएगी। राज्य सरकार ने बसों के रूट तय कर दिए हैं। जिसकी व्यवस्था जिला कलेक्टरों को करनी है। 






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